नई दिल्ली:
देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बहस जारी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी ने यूसीसी के विरोध का फैसला लिया है. कमेटी की तरफ से कई निर्णय लिए गए हैं. जमीयत उलमा-ए-हिंद सभी राजनीतिक दलों को इसे लेकर पत्र लिखने जा रही है. संगठन की तरफ से कहा गया है कि काफी विचार-विमर्श के बाद विशेषज्ञ वकीलों द्वारा तैयार किए गए जवाब को कुछ बदलावों के साथ मंजूरी दी है, जिसे भारत के विधि आयोग के कार्यालय में दर्ज करा दिया गया है.
- फैसला लिया गया है कि समान नागरिक संहिता के संबंध में मुस्लिम समुदाय के सर्वसम्मत रुख से अवगत कराने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के नाम पत्र लिखा जाए- भारत के राष्ट्रपति से भी मिलने का प्रयास किया जाए.
- यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न दलों से संबंध रखने वाले मुस्लिम और गैर-मुस्लिम संसद सदस्यों को इकट्ठा कर उनसे चर्चा की जाए और उन्हें संसद में समान नागरिक संहिता के नकारात्मक प्रभावों पर आवाज उठाने के लिए सहमत किया जाए.
- कार्यकारिणी समिति ने अपने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में यह घोषणा की कि सार्वजनिक प्रदर्शनों से बचा जाए, हालांकि केंद्रीय और प्रदेश स्तर पर संयुक्त प्रतितिधि सभाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें विभिन्न वर्गों से संबंध रखने वाले लोगों और प्रभावशाली व्यक्तित्व भाग लेंगे.
- यह भी घोषणा की है कि यूसीसी के संदर्भ में आगामी 14 जुलाई शुक्रवार को यौम-ए-दुआ (प्रार्थना दिवस) के रूप में मनाया जाएगा.
- देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बहस जारी है. जमीयत उलमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी ने यूसीसी के विरोध का फैसला लिया है. कमेटी की तरफ से कई निर्णय लिए गए हैं. जमीयत उलमा-ए-हिंद सभी राजनीतिक दलों को इसे लेकर पत्र लिखने जा रही है.