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This Article is From Dec 31, 2015

नए साल के जश्न पर आतंकियों की नजर, हमले की साजिश रच रहा लश्कर

नए साल के जश्न पर आतंकियों की नजर, हमले की साजिश रच रहा लश्कर
सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: खुफिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने वरिष्ठ कमांडर अबु कासिम की मौत का बदला लेने के लिए नववर्ष पर भारत में कई हमलों की साजिश रच रहा है। उसके निशाने पर महत्वपूर्ण भारतीय हस्तियां और आठ शहरों में मौजूद सार्वजनिक एवं पर्यटन स्थल हैं।

अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए लश्कर के चार वरिष्ठ कमांडर भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। कासिम को 29 अक्टूबर को जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।

कासिम पांच अगस्त को ऊधमपुर में सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर हुए उस हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें दो जवानों की मौत हुई थी और 10 घायल हुए थे। उसका ताल्लुक पाकिस्तान के बहावलपुर से था और पाकिस्तान में ही उसे प्रशिक्षित किया गया था। सरकार ने उस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर मुख्य रूप से लश्कर आतंकियों के निशाने पर हैं। इनके अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, जयपुर, बेंगलुरु, गोवा और कोलकाता भी इनके राडार पर हैं।

एक अधिकारी ने बताया, 'खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों ने सभी राज्यों के पुलिस विभागों को अलर्ट कर दिया है। राज्यों की खुफिया एजेंसियों से कमांडरों की तलाश करने और उन लोगों को खोजने के लिए कहा गया है जो इनकी मदद कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सहित कई प्रमुख नेता लश्कर के निशाने पर हैं।

अधिकारी ने कहा कि खुफिया इकाइयां घुसपैठियों द्वारा सामान्य रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले संचार के तरीकों पर नजर रख रही हैं। लेकिन, लश्कर आतंकी संभवत: ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी तोड़ निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। आईबी को शक है कि आतंकी लश्कर के भारत के नए प्रमुख अबु दुजाना के नियमित संपर्क में हैं। अबु दुजाना ने अबू कासिम की मौत के बाद उसकी जगह ली है।

अधिकारी ने कहा कि आतंकियों के पास शायद हाथ में लिए जाने वाला अत्याधुनिक रेडियो है, जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम लगा हुआ है, जिसके जरिए वे अपने आकाओं से संपर्क कर रहे हैं।

पुलिस को भेजे अपने अलर्ट नोट में आईबी ने कहा है कि आतंकी हो सकता है कि अधिक उन्नत 'गो टेन्ना' का इस्तेमाल कर रहे हों, जो फोन के कवरेज एरिया और वाईफाई की चिंता किए बगैर संदेश और जगह को साझा करने में सक्षम होता है।

ब्लूटूथ वाला यह उपकरण खुद अपने सिग्नल को पैदा कर लेता है और एक निश्चित सीमा में अन्य इकाइयों से संपर्क साध लेता है।

'गो टेन्ना' के इस संस्करण को 'वाई-एसएमएस' भी कहा जाता है। हाल में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ पड़े छापे के दौरान खुफिया अधिकारियों को कुछ खराब हो चुके एंड्रॉयड फोन मिले थे। तभी उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली थी।

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