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सत्ता विरोधी दलों जैसी भाषा... क्‍या एनडीए के साथ दूरी बना रहे चिराग?

चिराग पासवान सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि क्‍या चिराग अपने राम यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर इस एलान के पीछे एनडीए की कोई रणनीति है.

सत्ता विरोधी दलों जैसी भाषा... क्‍या एनडीए के साथ दूरी बना रहे चिराग?
  • बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर सहयोगी नेता सवाल उठा रहे हैं.
  • केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सियासी हलचल मचा दी है.
  • सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि चिराग पासवान सत्ता में होकर विरोधी दलों की भाषा बोलने लगे.
  • चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को लगता है कि कानून व्यवस्था का सवाल बिहार चुनाव में अहम मुद्दा हो सकता है.
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नई दिल्‍ली :

बिहार में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नीतीश सरकार को उसके सहयोगी ही सवाल उठा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है. दूसरी तरफ चिराग पासवान तो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात करके चुनावी पारा चढ़ा दिया है. अब सवाल है कि क्या बिहार में कानून व्यवस्था पर सहयोगी भी नीतीश को घेरने लगे हैं. 

जय-जयकार के बीच चिराग पासवान की उम्मीदों का आसमान भी बड़ा होता गया. छपरा में एक सभा में जब लोगों के बीच अपने नाम की गूंज सुनी तो चिराग ने बहुत बड़ा एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि वो 243 सीटों पर लड़ेंगे.

चिराग ने तेजी की सियासी हलचल

चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते हैं. छपरा में उनका एलान बीजेपी के सहयोग से हुआ या नहीं, ये तो पता नहीं लेकिन इससे बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. 

पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग ने एनडीए में होकर भी नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे. इससे नीतीश कुमार को काफी घाटा हुआ था, लेकिन इस बार वो सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि क्‍या चिराग अपने राम यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर इस एलान के पीछे एनडीए की कोई रणनीति है. यह सवाल आने वाले दिनों में और तेज होंगे, लेकिन एक सवाल चिराग पासवान पर भी है. एक हफ्ते पहले ही एनडीटीवी से चिराग पासवान ने कहा था कि एनडीए जीती तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे लेकिन आज उनकी भाषा पूरी तरह बदल गई. 

एनडीए से बागी हो रहे हैं चिराग?

क्या चिराग पासवान उसी एनडीए से बागी हो रहे हैं जिसका वो हिस्‍सा हैं. जिस एनडीए की मोदी सरकार में वो कैबिनेट मंत्री हैं, क्या उससे ही दूरी बना रहे हैं. आखिर ऐसा क्या हुआ कि चिराग पासवान सत्ता में होकर विरोधी दलों की भाषा बोलने लगे. क्या बिहार में खराब कानून-व्यवस्था के खिलाफ चिराग पासवान का ये आक्रोश है. क्या नीतीश कुमार से पुरानी अदावत के कारण चिराग ने नई महाभारत की घोषणा कर दी या नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के चुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटों के लिए एनडीए पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कह रहे हैं या बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सपना चिराग को बार बार बिहार विधानसभा के चुनाव की तरफ धकेल रहा है. 

चिराग के बयान पर किसने क्‍या कहा?

चिराग पासवान के इस बयान ने बिहार में राजनीतिक खलबली मचा दी है. भाजपा प्रवक्‍ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि वो एनडीए के लड़ने की बात कर रहे हैं तो आरजेडी प्रवक्‍ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि वो जहां से चाहें वहां से लड़ लें. वहीं सीपीआई-एमएल के दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि वो पहले एनडीए से बाहर तो आएं. 

दरअसल नीतीश कुमार की सरकार पर कानून व्यवस्था के बहाने ही सही चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही सवाल उठा रहे हैं. दोनों को लगता है कि कानून व्यवस्था का सवाल बिहार चुनाव में अहम मुद्दा हो सकता है. 

सबसे बड़ी बात है कि नीतीश सरकार पर जो दो सहयोगी सवाल उठा रहे हैं, उनकी विधानसभा में सदस्यता निल बटे सन्नाटा है. हालांकि चुनाव बाद अपनी मजबूत स्थिति की उम्मीद सबने बांध रखी है. 

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