
- राऊज एवेन्यू स्थित स्पेशल कोर्ट ने लालू परिवार के नए आरोपियों को समन जारी कर कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी है
- प्रवर्तन निदेशालय ने 28 मार्च 2025 को दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट में छह नई जमीनों के घूस के आरोप लगाए हैं
- आरोप हैं कि लालू यादव के बेटों के नाम पर ट्रांसफर की गई जमीनों के बदले नौकरी भारतीय रेलवे में दी गई थी
लैंड फॉर जॉब्स घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू स्थित स्पेशल कोर्ट ने 20 सितंबर 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए नए आरोपियों को पेश होने के लिए समन जारी कर दिया. इससे लालू परिवार की कानूनी चुनौतियां और बढ़ सकती है.
छह नई जमीनों का खुलासा
ईडी ने यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट 28 मार्च 2025 को दाखिल की थी. इसमें खुलासा किया गया कि पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और उनके परिवार ने घूस के तौर पर छह नई ज़मीनें लीं. ये ज़मीनें बिहार के गोपालगंज और अन्य स्थानों पर थीं, जिन्हें लालू यादव के बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कराया गया. आरोप है कि बदले में उन ज़मीन मालिकों या उनके परिजनों को भारतीय रेलवे में नौकरी दी गई.
जांच की शुरुआत और सीबीआई की भूमिका
यह मामला मूल रूप से सीबीआई की एफआईआर से शुरू हुआ था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने ग्रुप-डी की नौकरी दिलाने के नाम पर ज़मीन ली. सीबीआई इस केस में पहले ही तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
ईडी की पहले की कार्रवाई
ईडी ने 8 जनवरी 2024 को लालू परिवार और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव, और उनकी कंपनियां ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड तथा ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं. इसके बाद 6 अगस्त 2024 को ईडी ने लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की.
राष्ट्रपति की मंजूरी और ट्रायल
इस केस में एक बड़ा मोड़ तब आया जब राष्ट्रपति ने 2 मई 2025 को लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी. इसके बाद ईडी ने चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दाखिल की. दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर भी राष्ट्रपति ने 18 अगस्त 2025 को सैंक्शन दिया और ईडी ने 25 अगस्त को अदालत में पेश किया.
अब ताज़ा आदेश के तहत अदालत ने नए आरोपियों को समन जारी किया है. इसका मतलब है कि “लैंड फॉर जॉब्स” घोटाले में लालू परिवार के लिए कानूनी दिक्कतें और गहराती जा रही हैं.
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