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This Article is From Feb 26, 2015

यूपीए का भूमि अधिग्रहण कानून त्रुटिपूर्ण, देश की सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता था : जेटली

यूपीए का भूमि अधिग्रहण कानून त्रुटिपूर्ण, देश की सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता था : जेटली
वित्तमंत्री अरुण जेटली की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का भूमि अधिग्रहण कानून त्रुटिपूर्ण था और इससे देश की सुरक्षा पर ‘विनाशकारी प्रभाव’ पड़ सकता था और महत्वपूर्ण सामरिक सूचनाएं पाकिस्तान को मिल सकती थीं।

जेटली ने राज्यसभा में कहा कि संप्रग सरकार का भूमि कानून त्रुटिपूर्ण था और यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा था। उन्होंने कहा कि इसका देश की सुरक्षा पर काफी असर हो सकता था और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थापना में विलंब हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसमें सुधार किया है। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे।

पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि उसने रक्षा और सुरक्षा को अत्यावश्यक श्रेणी में रखा, लेकिन भूमि अधिग्रहण के लिए छूट वाली श्रेणी में डालना भूल गए।

उन्होंने कहा कि इस वजह से रणनीतिक प्रवृति वाली परियोजनाओं में ग्रामीणों की सहमति, स्थान और परियोजना के प्रकार का खुलासा करने की जरूरत बनी रही। इससे इस प्रकार की सूचना पाकिस्तान तक पहुंचने की आशंका बनी रहती।

उन्होंने विपक्ष से कहा कि वे राष्ट्रहित में राजनीति से ऊपर उठकर विचार करें और मौजूदा विधेयक को किसान विरोधी बताने के दुष्प्रचार से परहेज करें।

जेटली ने कहा, ‘‘दुष्प्रचार किया जा रहा है कि विधेयक किसान विरोधी और कारपोरेट क्षेत्र के लिए है..। मैं कांग्रेस से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि.. आप लंबे समय तक सत्ता में रहे हैं..। देश में ऐसा माहौल मत बनाइए कि जिसमें बुनियादी ढांचा और उद्योग खराब शब्द बन जाएं।’’

उन्होंने कहा कि जब कानून बना था, उस समय 13 क्षेत्रों को भूमि कानून, सामाजिक प्रभाव सर्वेक्षण और सहमति वाले उपबंध से छूट प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने परमाणु ऊर्जा सहित सिर्फ पांच नए क्षेत्रों को इसमें शामिल किया है।

जेटली ने कहा कि नए विधेयक में मुआवजा और पुनर्वास के बारे में कोई समझौता नहीं किया गया है तथा मुआवजा बढ़ाया गया है जिसे किसानों के हित के तौर पर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून को इस तरीके से तैयार किया गया है कि इससे ग्रामीण आधारभूत ढांचा तैयार करने में मदद मिलेगी और सिंचाई जैसे मुद्दों का हल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए घर सरकार की जिम्मेदारी है और यह बिल्डरों और उद्योग जगत के लिए नहीं है, जैसा पेश किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है जबकि 60 प्रतिशत आबादी उस पर निर्भर है। हमारा प्रयास वहां से 20 से 30 प्रतिशत लोगों को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने की है।

जेटली ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा पर भी निशाना साधा और पिछली सरकार के दौरान शर्मा द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे एक आधिकारिक पत्र का भी हवाला दिया।

उन्होंने राजग सरकार के नौ महीनों के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इस अवधि में भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार और घोटाला जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं हुआ जो पूर्व की अवधि में आए दिन की बात थी।

वित्तमंत्री ने कहा कि नौ महीने पहले जहां आर्थिक क्षेत्र में स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी और भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में निराशाजनक टिप्पणियां की जा रही थीं। लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में स्थितियों में व्यापक बदलाव हुआ है और हम फिर से ‘‘वैश्विक रडार’’ पर हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर चीन, ब्राजील, रूस जैसी कई अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में हैं वहीं भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बन रहा है।

पुरानी योजनाओं का नाम बदलकर मौजूदा सरकार द्वारा उन्हें फिर से लागू करने के आरोप को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि हमने उनका नाम ही नहीं बदला बल्कि उन्हें मिशन मोड में लिया और आर्थिक समावेश पर जोर दिया है।

जेटली ने प्रधानमंत्री को अंदर से सावधान रहने की गुलाम नबी आजाद की नसीहत को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस को हमें सीख देने के पहले अपने घर पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भलाई की शुरुआत अपने घर से ही करनी चाहिए। इस क्रम में उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के कर किसी की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।

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