नई दिल्ली:
आयकर विभाग की ओर से बेनामी संपत्तियों कुर्क करने के आदेश से जुड़े सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव मीडियाकर्मियों पर भड़क गए. लालू ने गुस्से में मीडियाकर्मियों को अपशब्द तक कह दिए. मीडियाकर्मी सवाल पूछते रहे लेकिन लालू ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने लालू प्रसाद यादव के दिल्ली के 'बेनामी संपत्तियां' कुर्क करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में लालू के दिल्ली और गुरुग्राम में 22 जगहों पर हाल ही में छापेमारी की थी. इन छापों के बाद आयकर विभाग की एक अलग इकाई इन संदिग्ध बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है. इन संपत्तियों की कीमत करीब 1000 करोड़ बताई जा रही है.
उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार की कथित 'बेनामी संपत्ति' के अपने खुलासे के क्रम में आज उनकी पांचवीं पुत्री हेमा यादव पर 62 लाख रुपये का बेनामी भूखंड तोहफे के तौर पर रखने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि ललन चौधरी नामक जिस व्यक्ति ने हेमा को उक्त भूखंड तोहफे के तौर पर दिया, वह लालू के मवेशियों की देखभाल करता था और उसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है.
सुशील मोदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि सीवान जिले के बडहरिया थाना अंतर्गत सियाडिह गांव निवासी ललन चौधरी ने केवल राबड़ी देवी को ही 30 लाख 80 हजार रुपये के मकान सहित 2. 5 डिसमिल जमीन 'दान' में नहीं दी, बल्कि कुछ अन्य लोग (हेमा यादव) भी हैं जिनको 'दान कर ललन ने पुण्य कमाया है.' उन्होंने आरोप लगाया कि ललन चौधरी ने 25 जनवरी 2014 को राबड़ी देवी को 2. 5 डिसमिल जमीन दान में दी थी और इसके मात्र 18 दिन बाद चौधरी ने 62 लाख की 7. 75 डिसमिल जमीन लालू प्रसाद की पांचवीं पुत्री हेमा यादव को दानस्वरूप दे दी.
सुशील ने आरोप लगाया कि चौधरी जिसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है, ने उक्त भूखंड 29 मार्च 2008 को विशुन देव राय से मात्र चार लाख 21 हजार रुपये में खरीदा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा आवास की राशि से अपना मकान बनवाने वाले ललन चौधरी ने केवल 62 लाख रुपये की जमीन ही हेमा यादव को नहीं दी, बल्कि छह लाख 28 हजार 575 रुपये का स्टाम्प शुल्क तथा निबंधन शुल्क भी चालान से एसबीआई पटना मुख्यालय शाखा में नकद जमा कराया था.
उधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार की कथित 'बेनामी संपत्ति' के अपने खुलासे के क्रम में आज उनकी पांचवीं पुत्री हेमा यादव पर 62 लाख रुपये का बेनामी भूखंड तोहफे के तौर पर रखने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि ललन चौधरी नामक जिस व्यक्ति ने हेमा को उक्त भूखंड तोहफे के तौर पर दिया, वह लालू के मवेशियों की देखभाल करता था और उसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है.
सुशील मोदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि सीवान जिले के बडहरिया थाना अंतर्गत सियाडिह गांव निवासी ललन चौधरी ने केवल राबड़ी देवी को ही 30 लाख 80 हजार रुपये के मकान सहित 2. 5 डिसमिल जमीन 'दान' में नहीं दी, बल्कि कुछ अन्य लोग (हेमा यादव) भी हैं जिनको 'दान कर ललन ने पुण्य कमाया है.' उन्होंने आरोप लगाया कि ललन चौधरी ने 25 जनवरी 2014 को राबड़ी देवी को 2. 5 डिसमिल जमीन दान में दी थी और इसके मात्र 18 दिन बाद चौधरी ने 62 लाख की 7. 75 डिसमिल जमीन लालू प्रसाद की पांचवीं पुत्री हेमा यादव को दानस्वरूप दे दी.
सुशील ने आरोप लगाया कि चौधरी जिसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है, ने उक्त भूखंड 29 मार्च 2008 को विशुन देव राय से मात्र चार लाख 21 हजार रुपये में खरीदा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा आवास की राशि से अपना मकान बनवाने वाले ललन चौधरी ने केवल 62 लाख रुपये की जमीन ही हेमा यादव को नहीं दी, बल्कि छह लाख 28 हजार 575 रुपये का स्टाम्प शुल्क तथा निबंधन शुल्क भी चालान से एसबीआई पटना मुख्यालय शाखा में नकद जमा कराया था.
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