केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS Bank India Limited)के साथ विलय (Amalgamation) के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब शुक्रवार से लक्ष्मी विलास बैंक से पैसों की निकासी शुरू हो जाएगी. अब लक्ष्मी विलास बैंक की शाखाएं DBS बैंक इंडिया के रूप में काम करेंगी. इसके साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा (withdrawal Limit) अब नहीं होगी.
कैबिनेट के फैसले के कुछ ही घंटे बाद आरबीआई ने एक प्रेस नोट जारी करके ऐलान किया कि लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड कि सभी ब्रांच 27 नवंबर 2020 से डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के नाम से ऑपरेट करने लगेंगे और दोनों बैंकों का विलय 27 नवंबर से लागू हो जाएगा.
आरबीआई के प्रेस नोट में कहा गया है कि लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड के सभी कस्टमर और Depositor डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में अपने अकाउंट 27 नवंबर 2020 से ऑपरेट कर सकेंगे इसके साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड पर जो 1 महीने का मोरटोरियम लगाया गया था वह 27 नवंबर को खत्म हो जाएगा.
डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के करीब 20 लाख जमाकर्ताओं और लगभग चार हजार कर्मचारियों को राहत मिली है. गौैरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) से निकासी की सीमा तय करने से जमाकर्ता आशंकित हो गए थे. इन जमाकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त लक्ष्मी विलास बैंक के प्रशासक टीएन मनोहरन ने कहा था कि बैंक के पास जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने को लेकर पर्याप्त धन उपलब्ध है.
मनोहरन ने कहा था कि हमारी शीर्ष प्राथमिकता लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना है कि उनकी जमा राशि पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस इंडिया के साथ विलय तेजी से पूरा होने की उम्मीद है. मनोहरन ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपये का जमा धन है जबकि उसने 17,000 करोड़ रुपये कर्ज दे रखे हैं
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