लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए ये याचिका दायर की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 26 जुलाई को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले मे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं. पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों को कार से कुचल दिया गया था. जस्टिस कृष्णा पहल की अदालत ने मामले की सुनवाई करने के बाद पिछली 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था.
हाईकोर्ट ने इस साल 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को रद्द करते हुए हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए. इस पर हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की थी.
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी' के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी. इस मामले में आशीष मुख्य आरोपी हैं.
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