गुजरात के पूर्व आईएएस अधिकारी कुनियिल कैलाशनाथन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक हैं. 72 वर्षीय कुनियिल कैलाशनाथन ने कुछ समय पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मुख्य प्रधान सचिव के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद रिटायरमेंट ले ली थी. एक दशक से अधिक समय तक वो इस पद पर थे. जबकि राज्य सरकार (गुजरात) के विभिन्न विभागों में कई अधिकारी पदों पर 45 साल तक सेवाएं दी हैं. वहीं अब पीएम मोदी ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी है और पुडुचेरी का उपराज्यपाल बनाया गया है.
कौन हैं के. कैलाशनाथन
कैलाशनाथन मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. कैलाशनाथन 1979 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी हैं. कलेक्टर के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग सुरेंद्रनगर जिले में हुई थी. उसके बाद सूरत में उनकी पोस्टिंग हुई. उन्होंने गुजरात के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दी है. 1994-95 में कैलाशनाथन गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी थे.
गुजरात समुद्री बोर्ड की बीओओटी (बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर) नीति उनके कार्यकाल के दौरान तैयार की गई थी. रास्का परियोजना का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है. 1999 से 2001 में अहमदाबाद नगर आयुक्त रहते हुए उन्होंने पेयजल संकट को हल करने के लिए 43 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई थी.
साल 2001 में मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और इस दौरान कैलाशनाथन को उनके साथ काम करने का मौका मिला. 2006 तक कैलाशनाथन को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में नियुक्त किया गया था और कई साल तक उन्होंने इस पद पर सेवाएं दी. वहीं साल 2013 में जब सीएमओ में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से वो सेवानिवृत्त हुए, तो राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव का पद बना, उन्हें इसपर नियुक्त किया. कहा जाता है कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कुनियिल कैलाशनाथन गुजरात में उनकी "आंख और कान" बनकर रहे. वहीं अब पीएम मोदी ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी हैं.
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