जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror attack) में हुए आतंकी हमले को लेकर बुधवार को भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी कटघरे में खड़ा किया. कुलभूषण जाधव केस (Kulbhushan Jadhav Case) की सुनवाई के दौरान भारत ने बुधवार को हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान की निंदा करते हुए तर्क दिया कि वह अपने राज्य समर्थित आतंकवाद से ध्यान भटकाने के लिए कुलभूषण जाधव का मोहरा के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. बता दें कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कथिथ जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने मौत की सजा दी है, जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दी है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित करते हुए भारत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि पुलवामा अटैक पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा की गई थी. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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आईसीजे में साल्वे ने कहा कि जाधव पाकिस्तान के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय समीक्षा से ध्यान बंटाने के लिए एक मोहरा बन गया है. जबरिया कुबूलनामे के आधार पर जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई थी. आईसीजे में कार्यवाही को पटरी से उतारने के पाकिस्तान के तीनों प्रयास नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आचरण ऐसा भरोसा नहीं उत्पन्न करता कि जाधव को वहां की अदालत में न्याय मिलेगा.
साल्वे ने आईसीजे से कहा, भारत जाधव की दोष सिद्ध निरस्त करने तथा यह निर्देश देने की मांग करता है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि सैन्य अदालत द्वारा जाधव की सुनवाई कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा करने में नाकाम रही और इसे ‘‘गैरकानूनी'' घोषित किया जाना चाहिए. साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिये और स्पष्ट अपराध बताने में नाकाम रहा और पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आरोपों के खुलासे को लेकर शर्मिंदा है.
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बहस के दौरान साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान पर आतंक को फैलाने की भूमिका को लेकर सारी दुनिया की नजर रही है और अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन खत्म करने का आह्वान किया है. कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई के दौरान भारत की ओर से साल्वे ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट से कुलभूषण जाधव की मौत की सजा खारिज करने की मांग करता है, क्योंकि पाकिस्तान ने कंसुलर एक्सेस न देकर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है.
इससे पहले भारत ने दो मूल मुद्दों के आधार पर अपना पक्ष रखा जिसमें राजनयिक संपर्क पर वियना संधि का उल्लंघन शामिल है. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व सॉलीसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा, ‘यह ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक निर्दोष भारतीय की जिंदगी दांव पर है.' उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह से जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं.' साल्वे ने कहा कि राजनयिक संपर्क के बिना जाधव को निरंतर हिरासत में रखने को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए कर रहा है. पाकिस्तान को बिना देरी राजनयिक संपर्क की अनुमति देनी चाहिए थी. ' उन्होंने कहा कि भारत ने जाधव को राजनयिक से मिलने देने के लिए पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे हैं लेकिन इस्लामाबाद ने अब तक इसकी अनुमति नहीं दी है.
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हरीश साल्वे ने आईसीजे में कहा कि जब हम रिव्यू की बात करते हैं तो मैं आपको कसाब केस की याद दिलाना चाहता हूं. भारत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला फांसी की सजा से जुड़ा है तो इस मामले में जो भी कुछ साक्ष्य पेश किए गए हैं उसका परीक्षण किया जा सकता है और इसे रिव्यू कहते हैं.
Harish Salve: Transcript is peppered with words such as shameless,nonsensical, laughable,breathtaking arrogance. India takes exception to being addressed in this fashion. I would let the matter rest as Indian culture prevents me from indulging in a similar language of insults 2/2 https://t.co/8oE1BQrANJ
— ANI (@ANI) February 20, 2019
आगे उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान की तरफ से जो ट्रांसक्रिप्ट पेश किया गया है वो शर्मनाक है, अतार्किक और हास्याप्रद है. यही नहीं उस ट्रांसक्रिप्ट को सुनकर कोई भी सिर्फ हंसेगा. लेकिन भारत न कभी इस तरह के शब्दों पर न तो यकीन करता है और न ही भारत की संस्कृति इस बात की इजाजत देती है कि वो किसी संप्रभु राष्ट्र या शख्सियत का अपमान करे.
Harish Salve at ICJ: As old lawyer saying goes 'When you are strong on law you hammer the law,when you are strong on facts you hammer the facts and when you are strong on neither you hammer the table'.Berefet of a case,Pakistan has hammered the proverbial table. #KulbhushanJadhav pic.twitter.com/XESfMmjmfo
— ANI (@ANI) February 20, 2019
हरीश साल्वे ने कहा कि जब आप कानून के पक्ष पर मजबूत होते हैं तो आप कानून की बात करते हैं. जब आप तथ्यों में मजबूत होते हैं तो तथ्यों को पेश करते हैं. लेकिन जब आप इन दोनों में मजबूत नहीं होते हैं तो सिर्फ टेबल पीटते हुए नजर आते हैं. बता दें कि कुलभूषण जाधव (48) भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.
VIDEO: कुलभूषण जाधव केस में सुनवाई
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