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This Article is From Dec 14, 2023

श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ा फैसला, शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे को मिली मंजूरी

अदालत 18 दिसंबर को यह फैसला करेगी कि कोर्ट कमिश्नर (Krishna Janmabhoomi Case ASI Survey) कौन होगा और आगे की कार्रवाई कैसे होगी. हिन्दू पक्ष ने मथुरा अदालत में सबसे पहले ये मांग की थी.

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ा फैसला, शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे को मिली मंजूरी
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे को मंजूरी
नई दिल्ली:

श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi Case ASI Survey Approved By Allahabad HC) को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है.मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में विवादित परिसर का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर फैसला सुनाया गया. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए शादी ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे की मंजूरी दे दी. 

अदालत अब 18 दिसंबर को यह फैसला करेगी कि कोर्ट कमिश्नर कौन होगा और आगे की कार्रवाई कैसे होगी. हिन्दू पक्ष ने मथुरा अदालत में सबसे पहले ये मांग उठाई थी. दिसंबर 2022 को मथुरा की अदालत ने अमीन सर्वे की मंज़ूरी दी थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की ऊपरी अदालत में दाख़िल आपत्ति के बाद अमीन सर्वे नहीं हो सका. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है.

मथुरा कृष्ण जन्मभूमि विवाद की कुछ मुख्य बातें

  •  हिन्दू पक्ष ने 13.37 एकड़ ज़मीन के स्वामित्व की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में याचिका दायर की थी. मथुरा की कोर्ट ने दिसंबर 2022 को अमीन सर्वे का आदेश दिया. मथुरा की कोर्ट ने अमीन पर 20 जनवरी तक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था, मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को ऊपर की अदालत में चुनौती दी.
  •  हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्ज़िद 17वीं शताब्दी में मंदिर तोड़कर बनाई गई. प्रमाण के तौर पर मस्जिद की दीवारों पर कमल के फूल और शेषनाग की आकृति है, जो बताती है कि मस्ज़िद मंदिर के ऊपर बनाई गई.
  •  1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्ज़िद ईदगाह ट्रस्ट के बीच समझौता हुआ, इसमें 13.37 एकड़ जमीन में 10.9 एकड़ ज़मीन कृष्ण जन्मभूमि की और 2.5 एकड़ ज़मीन मस्ज़िद को दी गई. 
  •  कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्ज़िद विवाद में कुल 18 मामले हैं, जिनकी अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
  • मस्ज़िद 17वीं शताब्दी में औरंगज़ेब ने बनवाई थी. मुस्लिम पक्ष 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देकर याचिका को ग़लत बताता रहा है.
  •  हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी की तर्ज पर कोर्ट कमिश्नर की जांच की मांग हाईकोर्ट से की. हिन्दू पक्ष का कहना है कि कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई से ज़मीन और मस्जिद की इमारत पर क्या-क्या है, इसकी जानकारी कोर्ट को होगी. ये जानकारी होने से भविष्य में विवाद को आसानी से निपटाया जा सकता है.
     

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