विज्ञापन
This Article is From Sep 04, 2023

कोटा : छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए पुलिस ने शुरू की ‘दरवाजे पे दस्तक’ पहल

पुलिस छात्रावासों और पीजी (पेइंग गेस्ट) के वार्डन को ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

कोटा : छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए पुलिस ने शुरू की ‘दरवाजे पे दस्तक’ पहल
कोटा:

देश के कोचिंग केंद्र के रूप में प्रख्यात और छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं से सुर्खियों में आए राजस्थान के कोटा शहर की पुलिस ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नयी पहल की है और छात्रों में अवसाद का पता लगाने के लिए छात्रावास के वार्डन, मेस में काम करने वाले कर्मियों और टिफिन सेवा देने वालों की सहायता ली जा रही है. पुलिस छात्रावासों और पीजी (पेइंग गेस्ट) के वार्डन को ‘दरवाजे पे दस्तक' अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. उसने मेस कर्मियों और टिफिन सेवा प्रदाताओं से अनुरोध किया है कि अगर कोई छात्र मेस से बार-बार अनुपस्थित रहता है या खाना नहीं खाता या कोई टिफिन मंगाने के बावजूद खाना नहीं खा रहा है तो इसकी जानकारी उसे दें.

कोटा के एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा'से कहा, ‘‘हमने ‘दरवाजे पे दस्तक' अभियान शुरू किया है जिसके जरिये हम हॉस्टल के वार्डन को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे नियमित तौर पर रात करीब 11 बजे प्रत्येक छात्र के कमरे का दरवाजा खटखटाएं और पूछे कि क्या वे ठीक हैं, उनकी गतिविधियों पर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि उनमें तनाव, अवसाद या असमान्य व्यवहार का संकेत नहीं हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘कोचिंग के बाद छात्र अधिकतर समय छात्रावास में गुजारते हैं और इसलिए वार्डन पहले व्यक्ति होने चाहिए जो असामान्य स्थिति के संकेतों पर गौर करें.''

कोटा में हर साल ढाई लाख विद्यार्थी इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय अहर्ता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं. इस साल अबतक सर्वाधिक संख्या में 22 छात्रों ने यहां आत्महत्या की है, जिनमें से दो ने 27 अगस्त को महज कुछ घंटों के अंतराल में आत्महत्या की. पिछले साल 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी. व्यस्त दिनचर्या, कठिन प्रतिस्पर्धा, बेहतर करने का नियमित दबाव, माता-पिता की उम्मीदों का बोझ और घर से दूरी ऐसी समस्याए हैं, जिनका सामना यहां दूसरे शहरों और देश के अन्य हिस्सों से आकर पढ़ाई करने वाले ज्यादातर छात्र महसूस करते हैं.

मनोवैज्ञानिक चेतावनी देते रहे हैं कि किसी भी बच्चे द्वारा ऐसे कदम उठाने से पहले हमेशा ऐसे संकेत होते हैं जिनका पता समय पर नहीं चल पाता है. उन्होंने कहा, ‘‘ इस अभियान का उद्देश्य (अवसाद के) इन शुरुआती संकेतों का पता लगाना है. यदि कोई छात्र बार-बार कक्षाएं छोड़ रहा है या खाना नहीं खा रहा है, तो कुछ तो बात होगी. हम इन बच्चों की पहचान करना चाहते हैं, उनको परामर्श देना चाहते हैं, इससे पहले कि वे अतिवादी कदम उठाने के कगार पर पहुंच जाएं. हमने एक समर्पित नंबर शुरू किया है जिस पर वार्डन, मेस कर्मचारी और टिफिन प्रदाता हमें यह जानकारी दे सकते हैं.''

कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि शहर में 3,500 छात्रावास और 25,000 पेइंग गेस्ट (पीजी) हैं. अमृतांगली गर्ल्स रेजीडेंसी की वार्डन गरिमा सिंह ने कहा कि वह नियमित रूप से बच्चियों के दरवाजे पर दस्तक देती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ इसका उद्देश्य उन्हें परेशान करना नहीं है, बल्कि यह पता करना है कि वे ठीक हैं या नहीं. यदि कोई असामान्य समय तक सो रही है, तो मैं उनसे चर्चा करती हूं कि क्या वे थकी हुई हैं या अस्वस्थ हैं. मैं उनके मेस लॉगबुक की भी जांच करती हूं. यदि किसी ने मेस में खाना नहीं खाया है, तो मैं पूछती हूं कि क्या उसे खाना पसंद नहीं आया या यह किसी तनाव के कारण है.''

आत्महत्या की हालिया घटनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए नियमित जांच परीक्षा रोकने को कहा है. लड़कों के छात्रावास के वार्डन गगेंद्र सोनी ने कहा, ‘‘कुछ लड़के मेस के खाने के बजाय टिफिन सेवा का विकल्प चुनते हैं. हम कभी-कभी देखते हैं कि टिफिन कमरे के बाहर पड़ा होता है. अब हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं और बच्चों से बातचीत करने की कोशिश करते हैं.''

ये भी पढ़ें- 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर महिलाओं में कैसा उत्‍साह... जानें किस पार्टी के उम्‍मीदवार सबसे ज्‍यादा अमीर?
कोटा : छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए पुलिस ने शुरू की ‘दरवाजे पे दस्तक’ पहल
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Next Article
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com