कोलकाता में डॉक्टर बिटिया (Kolkata Rape Murder Student Protest) को इंसाफ दिलाने के लिए आज छात्र सड़क पर हैं. हावड़ा में सचिवालय की नई बिल्डिंग 'नबन्ना' के घेराव की तैयारी है. यह विरोध मार्च 'पश्चिम बंग छात्र समाज' के बैनर तले हो रहा है. इस मार्च को रोकने के लिए ममता सरकार ने बड़ी तैयारी की है. छह हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी मार्च को रोकने के लिए तैनात हैं. दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी भी कर दी गई है. आखिर ममता सरकार की घेराबंदी करने वाला यह छात्र संगठन कौन है और वे तीन छात्र कौन हैं जो इस मार्च को लीड कर रहे हैं, जानिए...
कौन हैं मार्च को लीड कर रहे ये तीन लड़के?
विरोध मार्च के मुख्य चेहरे तीन लड़के हैं, जो ट्रेनी डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं. इस छात्र संगठन की तरफ से सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई गई थी. ये तीनों नाम शायन लाहिरी, शुभांकर हलदर, पलाश घोष हैं. इन तीनों के बारे में डिटेल में जानिए.
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कोलकाता छात्र विरोध-मार्च का पहला चेहरा- शायन लाहिड़ी
कोलकाता की डॉक्टर बिटिया के लिए इंसाफ की मांग करने वाले शायन लाहिड़ी मकाउत (MAKAUT) से एमबीए कर रहे हैं. वह जाधवपुर की श्री कॉलोनी के रहने वाले हैं. आशुतोष कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई करते हुए वह TMCP के मेंबर बने. JU से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के दौरान वह छात्र संगठन ABVP से जुड़ गए. हालांकि अब उन्होंने इससे किसी भी तरह के लिंक से इनकार किया है. वह अब अलग से पश्चिम बंग छात्र समाज नाम के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.
कोलकाता छात्र विरोध-मार्च का दूसरा चेहरा- शुभांकर हलदर
छात्र आंदोलन में अहम भमिका निभा रहे शुभांकर नबादविप के रहने वाले हैं. वह कल्याणी यूनिवर्सिटी से बी.एड कर रहे हैं. उन्होंने सोमवार को कहा कि RSS के प्राउड मेंबर होने के अलावा उनको कोई और पहचान नहीं है. साल 2008 में वह TMCP के सदस्य थे. साल 2011 में वह कॉलेज कमेटी के सदस्य बने. उनके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज होने के बाद उनको पार्टी ने निष्कासित कर दिया था. साल 2011 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और वह छात्र संगठन ABVP के नबादविप यूनिट के अध्यक्ष बन गए. शुभांकर हलदर ने बताया कि उनके खिलाफ अलग-अलग मुद्दों पर 30-32 मामले दर्ज हैं. वह तीन बार गिरफ्तार भी हो चुके हैं.
कोलकाता छात्र विरोध-मार्च का तीसरा चेहरा- पलाश घोष
कोलकाता छात्र आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे पलाश घोष हावड़ा के रहने वाले हैं. वह नरसिंहा दत्त विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में बीए (ऑनर्स) कर रहे हैं. उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल के छात्र विंग से कोई भी कनेक्शन होने से इनकार कर दिया है.
प्रदर्शनकारियों की तीन मांगें
- पीड़िता के लिए न्याय
- अपराध में शामिल सभी लोगों और उन्हें बचाने की कोशिश करने वालों को सजा.
- स्वास्थ्य और पुलिस मंत्री के रूप में उनकी विफलता के लिए सीएम ममता बनर्जी का इस्तीफा.
विरोध-मार्च बुलाने वालों का कहना है कि वह नहीं चाहते कि किसी भी राजनीतिक दल का कोई नेता सामने से नेतृत्व करे और उनके आंदोलन को हाईजैक कर ले. दरअसल उन्होंने पहले विपक्षी नेताओं से बिना पार्टी झंडे के मार्च में शामिल होने की अपील की थी. शायर लाहिड़ी ने फाइव स्टार होटल में टीएमसी के बीजेपी नेता से मुलाकात के दावे का भी खंडन किया है.उन्होंने कहा कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है.
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