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बंगाल में स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टर्स का धरना जारी, ममता सरकार के सामने रखी हैं ये शर्तें

आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद से जारी गतिरोध के समाधान के लिए चिकित्सक 12 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करने के लिए नबन्ना गए थे. हालांकि, चिकित्सकों की मांग के अनुसार राज्य सरकार बातचीत का सीधा प्रसारण करने पर सहमत नहीं हुई थी.

बंगाल में स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टर्स का धरना जारी, ममता सरकार के सामने रखी हैं ये शर्तें
जूनियर चिकित्सकों का स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना जारी.
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले पर  जूनियर डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य भवन के बाहर बारिश के बीच भी लगातार चौथे दिन धरना जारी रखा. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के अनुसार 'स्वास्थ्य भवन' के बाहर उनका धरना तब तक जारी रहेगा जब तक पुलिस आयुक्त, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निलंबित करने सहित प्रमुख मांगें पूरी नहीं हो जातीं. जूनियर चिकित्सकों के संगठन के एक सदस्य ने कहा, ''हम अपना काम फिर से शुरू करना चाहते हैं, लेकिन तब तक शुरू नहीं करेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.''

सॉल्ट लेक स्थित 'स्वास्थ्य भवन' और उसके आसपास कानून व्यवस्था बनाए रखने और सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात भी किया गया है.

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बैठक से किया इनकार

महिला चिकित्सक और उनके परिजनों को न्याय दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन में शामिल 26 मेडिकल कॉलेजों से लगभग 30 चिकित्सक बैठक के लिए नबान्न (राज्य सचिवालय) पहुंचे थे. लेकिन राज्य सरकार द्वारा वार्ता के सीधे प्रसारण संबंधी उनकी मांग को नहीं मानने के कारण चिकित्सकों ने बैठक से इनकार कर दिया था.

पश्चिम बंगाल सरकार और चिकित्सकों के बीच बृहस्पतिवार को वार्ता नहीं हो सकी थी. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अब भी बैठक को तैयार हैं लेकिन वार्ता पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए, जो तभी संभव है जब बैठक का सीधा प्रसारण किया जाए.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि जूनियर चिकित्सकों के साथ बैठक का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता, जैसा कि उनकी मांग है क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने इसे रिकॉर्ड करने और जरूरत पड़ने पर न्यायालय की अनुमति से रिकॉर्डिंग उन्हें (जूनियर डॉक्टरों को) सौंपने की व्यवस्था की है.

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