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वाह रे यूपी पुलिस! किसान नेता चौधरी महेंद्र टिकैत के निधन के 13 साल बाद उनके खिलाफ आया गैर जमानती वारंट

इस मामले पर किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के पोते चरण सिंह टिकैत ने हैरानी जताई और प्रशासन पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि थाना भोरा कला को इतनी जानकारी होनी चाहिए थी कि आप नोटिस कहां भेज रहे हो.

वाह रे यूपी पुलिस! किसान नेता चौधरी महेंद्र टिकैत के निधन के 13 साल बाद उनके खिलाफ आया गैर जमानती वारंट
कैराना कोर्ट ने किसान नेता चौधरी महेंद्र टिकैत के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
लखनऊ:

किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के 13 साल बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी का एक नोटिस लेकर उनके घर पहुंच गई. एक मामले में कैराना कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को लेकर जब पुलिस उनके घर पहुंची तो उनके पोते चरण सिंह टिकैत हैरान हो गए और न्यायपालिका पर सवाल खड़े किए. दरअसल  कैराना कोर्ट ने शामली जनपद के कांधला में रोड जाम करने के एक मामले में भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक और अध्यक्ष रहे स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत सहित कई लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. अदालत में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया था. जिसके कारण कोर्ट द्वारा यह वारंट जारी किया गया. 

किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में सन् 1935 में हुआ था.

इस मामले पर चरण सिंह टिकैत ने कहा कि क्या न्यायपालिका को नोटिस भेजने से पहले देखना नहीं चाहिए था. बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने गरीब किसान के लिए आवाज उठाई थी. उनको सभी लोग जानते हैं, पूरा भारत उनको जानता है. उन्होंने कहा कि बाबा का निधन 15 मई, 2011 को हुआ था. 13 साल बाद यह नोटिस आया. थाना भोरा कला को इतनी जानकारी होनी चाहिए थी कि आप नोटिस कहां भेज रहे हो. उसको वहीं से वहीं वापसी कर देना चाहिए था. बाबा महेंद्र सिंह टिकैत स्वर्ग में है तो इसमें कानून अपना काम करें, यह तो एक कहावत हो गई की मछली झाड़ी में और बकरी पानी में... प्रशासन और शासन को समझना चाहिए.  उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन और शासन की ये लापरवाही है.बाबा को गए हुए 13-14 वर्ष हो गए तो ऐसा नहीं होना चाहिए वह सारी जानकारी शासन और प्रशासन को अपने पास रखनी चाहिए.

किसानों के लोकप्रिय नेता टिकैत ने किसानों के अधिकारों के समर्थन में राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ कई बड़े किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया था. टिकैत को किसान आंदोलन के दौरान कई बार गिरफ्तार किया गया था.

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