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हाथ में थामी मशाल, जुबां पर राष्‍ट्रगान : कोलकाता रेप-मर्डर मामले को लेकर सड़कों पर उतरे लोग

कोलकाता डॉक्‍टर रेप-मर्डर (Kolkata Doctor Rape-Murder) के विरोध में कोलकाता के हर कोने में विरोध प्रदर्शन हुए और तथा प्रदर्शनकारियों ने अपने मोबाइल फोन की ‘फ्लैश लाइट’ जलाकर विरोध दर्ज कराया.

हाथ में थामी मशाल, जुबां पर राष्‍ट्रगान : कोलकाता रेप-मर्डर मामले को लेकर सड़कों पर उतरे लोग
कोलकाता:

कोलकाता के आरजी कर अस्‍पताल (RG Kar Hospital) में एक ट्रेनी डॉक्‍टर के साथ रेप और मर्डर (Doctor Rape-Murder) की वारदात के बाद विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार की रात को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के कई शहरों और कस्‍बों में इस वारदात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. रेप और हत्‍या की इस घटना के विरोध में बड़ी संख्‍या में समेत प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. उन्होंने मानव श्रृंखला बनाई, सड़कों पर भित्तिचित्र बनाए और जलती मशालें लेकर राष्ट्रगान गाया तो कई लोगों ने तिरंगा लहराया. नागरिक समाज ने राज्य भर में गैर-राजनीतिक रैलियों में विरोध दर्ज कराने के लिए केवल तिरंगा फहराने की अनुमति दी है. महिला ट्रेनी डॉक्‍टर का शव नौ अगस्त को अस्पताल में मिला था. 

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आज सुनवाई होगी. राज्य में ‘रीक्लेम द नाइट' के तीसरे आयोजन में भाग लेने वाले कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि शीर्ष अदालत न्याय करेगी. 

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कोलकाता में जगह-जगह प्रदर्शन 

रेप-मर्डर की इस घटना को लेकर कोलकाता के हर कोने में विरोध प्रदर्शन हुए और तथा प्रदर्शनकारियों ने अपने मोबाइल फोन की ‘फ्लैश लाइट' जलाकर विरोध दर्ज कराया. इस दौरान कई लोगों ने काले कपड़े पहन रखे थे.

एकजुटता का अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए हजारों लोग कोलकाता और इसके उपनगरों, सिलीगुड़ी, दुर्गापुर और खड़गपुर जैसे शहरों तथा बालुरघाट, पुरुलिया, कूचबिहार और अन्य छोटे शहरों और बस्तियों में सड़कों पर उतरे.

उत्तरी कोलकाता के श्यामबाजार से लेकर सोदेपुर तक करीब 14 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. छात्रों और शिक्षकों के अलावा आईटी पेशेवरों जैसे नौकरीपेशा लोगों से लेकर रिक्शाचालकों तक विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रदर्शनों में शामिल हुए.

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न्‍याय की मांग पर पैदल मार्च 

महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्र, मिट्टी के सामान बनाने वाले, रिक्शा चालक और कनिष्ठ चिकित्सकों समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग रविवार को अलग-अलग तरीके से शहर की सड़कों पर उतरे.

महिला प्रशिक्षु की मां ने सभी दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि पहले उनकी एक बच्ची थी और अब सभी प्रदर्शनकारी चिकित्सक उनके बच्चे हैं.

दक्षिण कोलकाता में 40 से अधिक स्कूलों के लगभग 4,000 पूर्व छात्र न्याय की मांग को लेकर दो किलोमीटर पैदल चले. इन प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं.

विभिन्न आयु वर्ग के पूर्व छात्रों ने ‘‘हमें न्याय चाहिए'' के नारे लगाते हुए गरियाहाट से रास बिहारी एवेन्यू होते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड चौराहे तक रैली निकाली. 

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नजरुल इस्‍लाम की रचना के साथ प्रदर्शन 

‘बिनोदिनी गर्ल्स स्कूल', ‘मित्रा इंस्टीट्यूशन', ‘गरफा हाई स्कूल', ‘कार्मेल हाई स्कूल' और ‘सेंट जॉन्स डायोसेसन' जैसे संस्थानों के पूर्व छात्रों ने विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की प्रतिष्ठित रचना ‘करार ओई लौहो कोपट, भेंगे फेल कोरे लोपट' (जेल के लोहे के दरवाजे नष्ट करो) गाते हुए मार्च में भाग लिया.

प्रदर्शन की प्रमुख आयोजक गरिमा घोष ने कहा, ‘‘हम अभया (पीड़िता का प्रतीकात्मक नाम) पर हुए क्रूर हमले और उसकी हत्या में शामिल सभी लोगों को सजा देने की मुख्य मांग के अलावा सभी कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा की मांग करते हैं.''

वहीं, एक अन्य रैली में मिट्टी के सामान बनाने वालों ने उत्तर कोलकाता में कुमारतुली से रवींद्र सरणी से होते हुए श्यामबाजार पंचकोणीय चौराहे तक रैली निकाली, जिसमें देवी दुर्गा की वेशभूषा में सजी एक लड़की ने रैली का नेतृत्व किया.

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न्‍याय की मांग करने वाली तख्तियां लेकर प्रदर्शन 

प्रदर्शनकारियों ने यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अरिजीत सिंह का गीत ‘आर काबे' (कितनी देर और) गाया और उन्होंने इस दौरान आरजी कर हत्या-बलात्कार घटना की शीघ्र जांच करने और न्याय की मांग करने वाली तख्तियां थाम रखी थीं. 

मूर्तिकार सनातन डिंडा के अलावा गायिका लग्नजीता भी रैली में शामिल हुईं. डिंडा ने कहा, ‘‘एक महीना बीत चुका है, लेकिन हमारे अंदर की आग तब तक जलती रहेगी, जब तक दोषियों को पकड़ नहीं लिया जाता.''

प्रदर्शन का जाना-माना चेहरा लग्नजीता ने कहा, ‘‘जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. हम शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे, चाहे इसके लिए महीनों तक संघर्ष क्यों न करना पड़े.''

उत्तरी कोलकाता में हेदुआ पार्क से कॉलेज स्क्वायर तक करीब 100 लोगों ने हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शों के साथ रैली निकाली. बिहार के दरभंगा के मूल निवासी रिक्शा चालक रमेशवा शॉ ने कहा, ‘‘हम अभया के लिए न्याय की मांग करते हैं - जो हमारी बेटी है.''

'बेटी की पीड़ा के बारे में सोचकर सिहर उठती हूं'

सरकारी एनआरएस अस्पताल के सैकड़ों कनिष्ठ चिकित्सकों ने सियालदह से शहर के बीचों-बीच स्थित एस्प्लेनेड तक रैली निकाली जहां मृतका के माता-पिता भी मौजूद थे.

मृतका की मां ने कहा, ‘‘मैं जब भी उस रात मेरी बेटी द्वारा झेली गई पीड़ा के बारे में सोचती हूं, तो मैं सिहर उठती हूं. उसका सपना समाज की सेवा करना था, अब ये सभी प्रदर्शनकारी मेरे बच्चे हैं.''

प्रदर्शन का 10 अगस्त से केंद्र रहे आरजी कर अस्पताल के सैकड़ों कनिष्ठ चिकित्सकों ने शाम पांच बजे मानव श्रृंखला बनाई और तिरंगा थामकर राष्ट्रगान गाया.

बंगाली मनोरंजन उद्योग से जुड़े कई लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए दक्षिण कोलकाता में हाजरा क्रॉसिंग पर धरने पर बैठे. वे टॉलीगंज से जुलूस निकालते हुए दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके हाजरा पहुंचे.

अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग को लेकर इन चिकित्सकों ने ‘काम बंद' कर दिया है लेकिन वे मुफ्त ऑनलाइन चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं. 

पश्चिम बंगाल में अन्‍य जगहों पर भी प्रदर्शन 

पश्चिम बंगाल में कई अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए. उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में ऐसे ही एक मार्च में उस समय हाथापाई हो गई, जब कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े युवकों का एक समूह रैली में घुस आया. इस समूह ने प्रदर्शनकारियों पर मुख्य घोषपारा रोड को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘लोगों के एक समूह ने रैली में शामिल एक वाहन के ऊपर लगे लाउडस्पीकर का तार तोड़ दिया और कुछ लोगों की पिटाई कर दी.''

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया.

‘रीक्लेम द नाइट' अभियान के तीसरे संस्करण में रविवार को मध्य रात्रि में राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे. इसी तरह का पहला प्रदर्शन 14 अगस्त को और दूसरा प्रदर्शन चार सितंबर को आयोजित किया गया था.
 

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