हिंदी के जाने-माने पत्रकार टिल्लन रिछारिया का शुक्रवार को निधन हो गया. वो देश के कई बड़े मीडिया घरानों से जुड़े रहे. उन्होंने हिंदी एक्सप्रेस, धर्मयुग, महान एशिया, ज्ञानयुग प्रभात, करंट, बोरीबंदर, वीर अर्जुन, राष्ट्रीय सहारा, हरिभूमि, कुबेर टाइम्स जैसे अलग-अलग अखबारों में काम किया. फीचर पत्रकारिता पर उनकी पकड़ का लोहा माना जाता रहा है.
सिनेमा, साहित्य और संगीत पर भी उनकी पकड़ काफी अच्छी थी. उनकी दो किताबें प्रकाशित थीं- 'बातें मुलाकातें' और 'मेरे आसपास के लोग'. उनकी एक और किताब आने वाली थी- 'मेरे हमदम मेरे दोस्त' जिसकी सूचना उन्होंने एक दिन पहले ही फेसबुक पर दी थी.
टिल्लन रिछारिया चित्रकूट में पैदा हुए थे. 71 साल पूरे कर चुके थे. मुंबई, इंदौर, दिल्ली सहित कई शहरों को उन्होंने अपना ठिकाना बनाया था. वे बिल्कुल स्वस्थ थे और लगातार सक्रिय भी थे. फेसबुक पर अपनी स्मृतियां लिख रहे थे. लेकिन उज्जैन जाते हुए उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी. रतलाम में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया शोक संतप्त है.
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