‘रिपब्लिक टीवी' (Republic TV) के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार किया गया. गोस्वामी (Arnab Goswami) ने दावा किया कि पुलिस ने उनके घर पर उनके साथ बदसलूकी की. वरिष्ठ पत्रकार को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है दरअसल वह साल 2018 का है. साल 2018 के मई महीने में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक (Interior Designer Anvay Naik) औऱ उनकी मां कुमुद नाईक ने अलीबाग के अपने घर मे खुदकुशी की थी. मरने के पहले अन्वय ने खुदकुशी नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए 3 लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था जिनमे एक नाम अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) का भी था.
आरोप था कि अर्नब ने दफ़्तर का काम करवाने के बाद उनके 83 लाख नही दिये गए. पुलिस ने खुदकुशी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की लेकिन बाद में केस बंद कर दिया गया. राज्य में सरकार बदलने के बाद पीड़ित परिवार ने एकबार फिर से मुद्दा उठाया और न्याय की गुहार लगाई. मई महीने में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जांच CID को सौंप दी. इसी मामले में आज सुबह अलीबाग पुलिस अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया.
पुलिस के मुताबिक मामले में 2 और लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. एक नितेश सारडा जिस पर खुदकुशी नोट में 55 लाख रुपये बाकी होने का आरोप है दूसरा फिरोज शेख, जिस पर 4 करोड़ रुपये बाकी होने का आरोप है. सरकार में शामिल कांग्रेस, NCP और शिवसेना ने इसका स्वागत किया है. जबकि बीजेपी इसे तानाशाही बता रही है. आरोप है कि सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत को अर्नब ने मुद्दा बनाकर मुंबई पुलिस और ठाकरे सरकार को घेरना शुरू किया था. इसलिए बदले की भावना से सरकार ये कार्रवाई कर रही है.
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