हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक दंगों के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं, लेकिन हिंसा की वजह से प्रदेश में उपजे हालातों के बीच खाप और किसान संगठन आगे आए हैं. खाप पंचायतों और किसान संगठनों ने शांति की अपील के साथ ही गौरक्षक मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग की है.
नूंह में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद पूरे हरियाणा में माहौल ख़राब होने लगा था. इसके बाद खाप पंचायतों ने मोर्चा संभाला. हिसार जिले में मुसलमान और हिंदू दोनों समुदायों के ज़िम्मेदार लोगों को बुलाया गया और बैठक के बाद आपस में भाईचारा बनाकर रखने की अपील की गई.
मुसलमानों को यक़ीन दिलाया गया कि उनकी जान और उनका व्यापार सुरक्षित रखने में खाप पूरी ताक़त लगाएगी.
खाप नेता सूबे सिंह स्मैण ने कहा कि सभी भारत के लोग हैं, मुसलमान हमारे भाई हैं. इन पर कोई हाथ नहीं डालेगा. 1947 में भी मेवात में कोई गदर नहीं हुआ था. हम इस सप्ताह युवाओं की एक मीटिंग बुलाएंगे. गो रक्षा दल और विश्व हिंदू परिषद भारत को खंडित करना चाहते हैं.
मंच से मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर घोल रहे संगठनों के खिलाफ़ निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया. इन खापों को किसान यूनियन का भी साथ मिला.
किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं हैं. हम मुसलमानों के साथ खड़े हैं, कोई इनका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता.
वहीं बालू खाप प्रधान रामचंद्र सिंह ने कहा कि सरकार कितना भी ज़ोर लगा ले, हम भाईचारा नहीं बिगड़ने देंगे. किसान आंदोलन में हम सभी साथ थे.
वहीं दूसरी तरफ़ नूंह में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ़ सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वो मुसलमानों के खिलाफ़ नहीं हैं, जो भी घर गिराए गए हैं वो सब कानूनी प्रक्रिया के तहत गिराए गए हैं.
हरियाणा सरकार के वकील दीपक सब्बरवाल ने कहा कि हम कोई एथनिक क्लिंजिंग नहीं कर रहे हैं, सरकार की नज़र में सब बराबर हैं. नूंह हिंसा में पुलिस ने अब तक 393 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
दरअसल नूंह हिंसा के बाद ऐसा लगने लगा था कि पूरा हरियाणा सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल जाएगा. सिस्टम फेल होते दिखा, लेकिन खापों के ज़िम्मेदार लोगों ने खुद कमान संभाला और मुसलमानों को भरोसा दिया. खापों ने मुसलमानों को कहा कि आप और आपका कारोबार सुरक्षित है. साथ ही बॉयकॉट के कॉल भी वापस ले लिए गए.
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