Khairagarh Election Results 2023: जानें, खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

खैरागढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 201767 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 61516 ने जेसीसी (जे) उम्मीदवार देवव्रत सिंह को वोट देकर जिताया था, जबकि 60646 वोट पा सके बीजेपी प्रत्याशी कोमल जंघेल 870 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Khairagarh Election Results 2023: जानें, खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के मध्य क्षेत्र में मौजूद है राजनांदगांव जिला, जहां बसा है खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 201767 मतदाता थे, और उन्होंने जेसीसी (जे) उम्मीदवार देवव्रत सिंह को 61516 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बीजेपी उम्मीदवार कोमल जंघेल को 60646 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 870 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में खैरागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गिरवर जंघेल ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 70133 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कोमल जंघेल को 67943 वोट मिल पाए थे, और वह 2190 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार कोमल जंघेल को कुल 62437 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मोतीलाल जंघेल दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 42893 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 19544 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.