Keshoraipatan Election Results 2023: जानें, केशोरायपाटन (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

केशोरायपाटन विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 257060 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 72596 ने बीजेपी उम्मीदवार चंद्रकांता मेघवाल को वोट देकर जिताया था, जबकि 65477 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी राकेश बोयत 7119 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Keshoraipatan Election Results 2023: जानें, केशोरायपाटन (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के मेवाड़-हड़ौती क्षेत्र में मौजूद है बूंदी जिला, जहां बसा है केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 257060 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार चंद्रकांता मेघवाल को 72596 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार राकेश बोयत को 65477 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 7119 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में केशोरायपाटन विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार बाबू लाल वर्मा ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 63293 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चुन्नी लाल उर्फ ​​सी.एल. प्रेमी को 50562 वोट मिल पाए थे, और वह 12731 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार चुन्नी लाल उर्फ ​​सी.एल. प्रेमी को कुल 49047 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी गोपाल पचेरवाल दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 45631 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 3416 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.