केरल के कोल्लम में भारतीय सेना के एक जवान (Indian Army soldier) पर हमले का मामला फर्जी निकला है. केरल पुलिस ने सेना के जवान और उसके दोस्त को हिरासत में ले लिया है. दक्षिणी केरल जिले में रहने वाले जवान ने पहले दावा किया था कि उसके घर के बाहर उस पर हमला किया गया. अज्ञान हमलावरों ने पिटाई के बाद उसकी पीठ पर ग्रीन पेंट से 'PFI'लिख दी थी. हालांकि, पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि जवान ने खुद अपने दोस्त से पिटाई करवाई थी और उसे ही अपनी पीठ पर 'PFI'लिखने को कहा था. उसने लोगों के बीच चर्चा का विषय बनने के लिए ऐसा किया था.
दरअसल, सेना में सिपाही शाइन कुमार ने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि छह हमलावरों ने उस पर हमला किया. हमलावरों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए. फिर मुंह पर टेप चिपका दिया. पिटाई के बाद उसकी पीठ पर हरे रंग की स्याही से PFI लिख दिया. जांच में पूरा मामला फर्जी निकला.
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि सिपाई शाइन कुमार ने जो दावा किया था वह झूठा निकला. उन्होंने बताया कि गलत बयान देने के लिए दोस्त ने उसका साथ दिया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिपाही शाइन कुमार और उसके दोस्त के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
दोस्त ने दावा किया कि शाइन कुमार ने उससे अपनी पीठ पर 'पीएफआई' लिखने और उसे पीटने के लिए कहा था. दोस्त ने बताया, "मैं नशे में था, इसलिए मैंने शुरू में डीएफआई लिख दिया था, लेकिन बाद में मुझे इसे ठीक करना पड़ा और PFI लिखना पड़ा." शाइन ने मुझपर उसे पिटने का दबाव भी बनाया. लेकिन मैंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मैं नशे में था."
दोस्त ने दावा किया, "फिर उसने मुझसे उसे जमीन पर खींचने और पटकने के लिए कहा. नशे की हालत में मैं ऐसा नहीं कर सका. इसलिए उसने मुझसे उसके मुंह और हाथों पर टेप लगाने और फिर वहां से चले जाने को कहा. मैंने वैसा ही किया."
बता दें कि PFI का इस्तेमाल आमतौर पर प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' के लिए किया जाता है.
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