केरल (Kerala) की 36 वर्षीय महिला ने बुधवार को दावा किया कि वह सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में गई थी और भगवान अयप्पा मंदिर में प्रार्थना की. मुख्यमंत्री कार्यालय (Kerala CMO) और पुलिस ने महिला के इस दावे का खंडन किया कि वह मंगलवार को मंदिर गई थीं. चतन्नूर की रहने वाली मंजू ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर दावा किया कि उसने मंगलवार को भगवान के सामने प्रार्थना की और किसी भी भक्त ने विरोध नहीं किया. मंजू नाम की एक महिला के मंदिर में प्रवेश की तस्वीरें और वीडियो फेसबुक पर शेयर की गई हैं. सूत्रों के मुताबिक मंजू को मंदिर में प्रवेश के लिए किसी तरह की पुलिस से मदद नहीं ली. मंजू ने पिछले साल अक्टूबर में भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी, लेकिन भारी बारिश की वजह से उसे जाने नहीं दिया गया था.
फेसबुक ग्रुप पर डाली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि महिला ने उम्रदराज दिखने के लिए अपने बाल सफेद रंग में रंगे हैं, ताकि उनका विरोध या किसी तरह का हमला न हो. महिला ने दावा किया है, ‘मैंने मंदिर परिसर में करीब दो घंटे बिताए. मैंने अखिल भारत अयप्पा सेवा संगम के सदस्यों से सहायता मांगी जिन्होंने प्रार्थना में मदद की.' बता दें, दो जनवरी को पुलिस कर्मियों के सुरक्षा घेरे में दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के बाद से राज्य अशांत है. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने रजस्वला उम्र (10 से 50 साल) की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी रोक हटा दी थी. लेकिन श्रद्धालु मंदिर में इस उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.
बता दें, भाजपा के एक शिष्टमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर केरल विशेषकर सबरीमला में श्रद्धालुओं के बुनियादी अधिकारों के कथित दमन को रोकने के लिये उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. भाजपा महासचिव सरोज पांडे के नेतृत्व में पार्टी शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. भाजपा के ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि केरल खासतौर पर सबरीमला में अघोषित आपातकाल की स्थिति है जो वहां की स्थानीय सरकार द्वारा पैदा की गयी है. केरल सरकार राज्य में हिन्दुओं की आस्थाओं पर चोट पहुंचाने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार ने सबरीमला के आसपास धारा 144 लगा दी है.
पार्टी ने कहा कि इस क्षेत्र में धारा 144 लगाने से लोग मंत्रोच्चार और भजनगान नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि यह हमेशा समूह में होता है. निषेधाज्ञा लगाने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है. ज्ञापन में कहा गया है कि केरल की माकपा सरकार की शह पर राज्य में श्रद्धालुओं, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है. पार्टी ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की अनुपालना के नाम पर माकपा सरकार पुरानी परंपराओं और धार्मिक आस्था को खत्म करने का प्रयास कर रही है. पार्टी ने कहा कि सबरीमला समेत पूरे केरल में सामान्य स्थिति बहाल होनी चाहिए.
(इनपुट्स भाषा से भी)
VIDEO- सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने वाली महिलाएं- मिल रहीं धमकियां
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