सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कावेरी विवाद मामले में केंद्र सरकार ने कावेरी स्कीम बनाने के लिए ड्राफ्ट देने के लिए दो हफ्तों का वक्त मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल वक्त देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की तीन मई को ही सुनवाई होगी.
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कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र से तीन मई तक कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कावेरी प्रबंधन के लिए ड्राफ्ट स्कीम दाखिल करने को कहा था. कावेरी नदी जल विवाद पर 19 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र को 3 मई तक कावेरी पर ड्राफ्ट तैयार कर कोर्ट को देने के निर्देश दिए थे. CJI ने तमिलनाडु और कर्नाटक को राज्य में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने को कहा है.
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CJI ने कहा केंद्र को कावेरी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा. हम स्कीम को फाइनल करेंगे और ये ज्यादा वक्त नहीं लेगा केंद्र को ये आदेश लागू करना चाहिए था. केंद्र को पता है कि स्कीम का मतलब क्या है.
तमिलनाडु सरकार ने केंद्र को वक्त दिए जाने का विरोध किया. कहा कि स्कीम का मतलब कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिब्यूनल का आदेश हमारे आदेश में शामिल हो चुका है. हम केंद्र की दलीलों को खारिज कर चुके हैं.
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कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र से तीन मई तक कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कावेरी प्रबंधन के लिए ड्राफ्ट स्कीम दाखिल करने को कहा था. कावेरी नदी जल विवाद पर 19 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र को 3 मई तक कावेरी पर ड्राफ्ट तैयार कर कोर्ट को देने के निर्देश दिए थे. CJI ने तमिलनाडु और कर्नाटक को राज्य में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने को कहा है.
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CJI ने कहा केंद्र को कावेरी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना ही होगा. हम स्कीम को फाइनल करेंगे और ये ज्यादा वक्त नहीं लेगा केंद्र को ये आदेश लागू करना चाहिए था. केंद्र को पता है कि स्कीम का मतलब क्या है.
तमिलनाडु सरकार ने केंद्र को वक्त दिए जाने का विरोध किया. कहा कि स्कीम का मतलब कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिब्यूनल का आदेश हमारे आदेश में शामिल हो चुका है. हम केंद्र की दलीलों को खारिज कर चुके हैं.
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