"अगर कश्मीरी पंडितों का पलायन धार्मिक टकराव का नतीजा है तो..." : अभिनेत्री साई पल्लवी

साई पल्लवी इन दिनों अपनी अपकमिंग तेलुगू फिल्म 'विरता पर्वम' का प्रमोशन कर रही हैं. फिल्म, जिसमें राणा दग्गुबाती भी हैं, 1990 के दशक की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. यह तेलंगाना क्षेत्र में नक्सली आंदोलन की पृष्ठभूमि के खिलाफ एक प्रेम कहानी का वर्णन करता है.

अभिनेत्री साई पल्लवी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

धर्म के नाम पर हो रही हिंसा की निंदा करते हुए अभिनेत्री साई पल्लवी (Actress Sai Pallavi) ने कश्मीरी पंडितों के पलायन (Exodus of Kashmiri Pandits) की तुलना गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा से की. यूट्यूब चैनल ग्रेट आंध्र को दिए एक इंटरव्यू में साई पल्लवी ने कहा, "कश्मीर फाइल्स में दिखाया गया है कि उस समय कैसे कश्मीरी पंडितों को मार दिया गया था. यदि आप इस मुद्दे को एक धार्मिक संघर्ष के रूप में ले रहे हैं, तो हाल ही में एक घटना हुई जहां एक मुस्लिम ड्राइवर, जो गायों को ले जा रहा था, उसे पीटा गया और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया. तो, इन दो घटनाओं के बीच अंतर कहां है."

अपने राजनीतिक झुकाव के बारे में पूछे जाने पर, अभिनेत्री ने कहा कि वह एक तटस्थ परिवार में पली-बढ़ीं और उन्हें एक अच्छा इंसान बनना सिखाया गया.

उन्होंने कहा कि "मुझे सिखाया गया था कि मुझे उन लोगों की रक्षा करनी चाहिए जो संकट में हैं. उत्पीड़ितों की रक्षा की जानी चाहिए."

साई पल्लवी के बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं. जहां कुछ ट्विटर यूजर्स ने उनके साहस की सराहना की, वहीं कुछ ने उन्हें ट्रोल किया.

साई पल्लवी इन दिनों अपनी अपकमिंग तेलुगू फिल्म 'विरता पर्वम' का प्रमोशन कर रही हैं. फिल्म, जिसमें राणा दग्गुबाती भी हैं, 1990 के दशक की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. यह तेलंगाना क्षेत्र में नक्सली आंदोलन की पृष्ठभूमि के खिलाफ एक प्रेम कहानी का वर्णन करता है.

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इस फिल्म में साईं पल्लवी वेनेला का किरदार निभा रही हैं, जिसे नक्सल नेता रावण (राणा दग्गुबाती) से प्यार हो जाता है. साई पल्लवी की 'विरता पर्वम' 17 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.