- कर्नाटक के कोप्पल जिले के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में मिड-डे मील में कीड़े पाए जाने की घटना सामने आई है
- चावल के साथ कीड़े सभी बच्चों के मिड-डे मील में थे, जिससे छात्रों के माता-पिता में रोष उत्पन्न हुआ है
- मिड-डे मील जिले के गोदामों और एजेंसियों से आती है, जांच में खराब गुणवत्ता की आपूर्ति सामने आ सकती है
कर्नाटक के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में जब बच्चों की थाली में मिड-डे मील परोसा गया, तो वे सहम गए. मिड-डे मील में मिले दाल-चावल में कीड़े रेंग रहे थे. ये कीड़े किसी एक बच्चे की थाली में नहीं, बल्कि सभी बच्चों के खाने में थे. टीचर्स ने जब देखा, तो पता चला कि पूरे मिड-डे मील में चावल के साथ कीड़े थे. मिड-डे मील की इतनी खराब क्वालिटी को लेकर छात्रों के माता-पिता बेहद नाराज हैं. मामले में जांच के आदेश दे दिये गए हैं.
मिड-डे मील में कीड़े
स्कूल के मिड-डे मील में कीड़े मिलने की घटना कर्नाटक के कोप्पल जिले की है. कोप्पल के बिसारल्ली गांव के एक सरकारी स्कूल में स्कूल स्टाफ को दोपहर के भोजन के लिए रखे गए चावल में कीड़े मिले. इससे पहले कुश्तगी तालुक के मुड्डेनाहल्ली गांव के एक सरकारी स्कूल में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी, जो एक चिंताजनक घटना है. वहीं, छात्रों के लिए संभावित स्वास्थ्य जोखिम की ओर इशारा करती है.
कहां से आता है दाल-चावल?
स्कूल के खाने में कीड़े का मुद्दा बढ़ते देख मिड-डे मील से जुड़े अधिकारियों ने जांच का भरोसा दिलाया. अधिकारियों का कहना है कि चावल जिले के विभिन्न गोदामों से आता है, जबकि दाल, तेल और अन्य सामग्री एजेंसियों द्वारा ली जाती है. ऐसा हो सकता है कि निजी ठेकेदारों ने खराब गुणवत्ता वाले चावल और दाल की आपूर्ति की होगी. हम इस मामले की जांच करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, स्कूल के लिए मिड-डे मील बनाने वाले कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, 'हम सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा. मैंने एक बैठक में अधिकारियों से इस बारे में बात भी की है.' हालांकि, उन्होंने माना कि खाने में एक-दो कीड़े आ सकते हैं.
आखिर, कौन गुनहगार
स्कूल से जो घटना के वीडियो सामने आए हैं, उनमें एक दो नहीं कई कीड़े नजर आ रहे हैं. एक बच्चे ने तो दर्जनों कीड़ों को अपने हाथ पर रखकर वीडियो बनाया. बच्चों ने दिखाया कि चावल के अंदर कितने कीड़े हैं. अब सवाल ये उठता है कि जब बच्चों को दाल-चावल में कीड़े नजर आ गए, तो फिर खाना बनाने वाले और इसे बच्चों को बांटने वाले लोगों को क्यों नहीं नजर आए? क्या बच्चों के स्वास्थ्य को नरअंदाज कर जानबूझकर बच्चों को कीड़े वाले दाल-चावल खाने के लिए दिये गए? गरीब और मासूम बच्चों की हेल्थ से जुड़ा ये बेहद गंभीर मुद्दा है, प्रशासन को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं