दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में पुलिस ने दो माह में करीब 7 हजार 'दाग़ियों' के नाम अपनी लिस्ट से हटा दिए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि राज्य की बीजेपी सरकार ने जानबूझकर ऐसा किया है, ताकि आनेवाले विधानसभा चुनावों में इन दागियों इस्तेमाल किया जा सके. विधानसभा मे कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया गया कि पुलिस अपनी लिस्ट से बड़ी संख्या में दागी लोगों के नाम हटा रही है. पार्टी ने आरोप लगाया कि इस साल पहले दो माह में ही पुलिस ने 7336 लोगों के नाम हटाए हैं, जो समाज और कानून व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस के मुताबिक, बीजेपी इन असामाजिक तत्वों का इस्तेमाल आने वाले विधानसभा चुनावों में करेगी.
7000 से ऊपर राउडी शीटर्स का नाम हटाया
कांग्रेस विधायक और पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, "दो माह में ही 7000 से ऊपर राउडी शीटर्स का नाम हटाया गया और 4 सालों में 20000 के आसपास नाम हटाए गए हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है यह लोग इनका इस्तेमाल विधानसभा चुनावों में करेंगे." बता दें, राउडी शीटर लिस्ट हर पुलिस थाने में होती है. इस लिस्ट में वे लोग शामिल किए जाते हैं जिनका पहले भी एक आपराधिक अतीत रहता है और जो छोटे-मोटे जुर्म में शामिल रहते हैं. भविष्य में वो हिस्ट्रीशीटर बनकर उभरते हैं. इनपर 5 से 10 साल नज़र रखी जाती है.
2018 से अब तक हटाए गए साढ़े 26 हजार नाम
कर्नाटक के गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2018 से अब तक तकरीबन साढ़े 26 हजार नाम राउडी शीटर्स की लिस्ट हटाये गए है. पिछले साल 3314 नाम ही हटाए गए थे. 2023 के पहले 2 महीने में 7336 नाम हटाए गए, जो चौंकाने वाली बात है.
हालांकि, अब भी कर्नाटक में 46000 से ज्यादा राउडी शीटर्स हैं.
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