कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में ‘‘हिजाब'' पहनने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने रविवार को कहा कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है. नागेश ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा, ‘‘जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है. उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते.''
मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का ‘‘हथियार'' न बनने की अपील की. बोम्मई सरकार ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करते हुए उन कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सौहार्द्र और कानून एवं व्यवस्था को बाधित करते हो.
हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ : कर्नाटक में "कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले कपड़ों" पर लगाया गया प्रतिबंध
इस परिपत्र पर नागेश ने कहा कि सरकार को इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता महसूस हुई और उसने एक परिपत्र जारी किया. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल आ सकती हैं लेकिन परिसर के भीतर उन्हें इसे अपने बस्तों में रखना होगा.
उन्होंने इस पर हैरानी जतायी कि जब सभी धर्मों के छात्र वर्दी पहनकर स्कूल आ रहे थे तो अचानक से यह समस्या क्यों पैदा हुई. उन्होंने कहा कि हर कोई समानता की भावना से एक साथ सीख और खेल रहा है लेकिन कभी धार्मिक मतभेद पैदा नहीं हुए. समस्या दिसंबर में शुरू हुई जब उडुपी में कई बच्चों को हिजाब पहनने के लिए उकसाते हुए कहा गया कि ‘शरिया' (इस्लामि कानून) ऐसे कपड़े पहनने के लिए कहता है तथा इसका पालन करना उनका कर्तव्य है.
मंत्री ने दावा किया कि कई बच्चों को ऐसा करने के लिए कहा गया लेकिन उनमें से ज्यादातर लोग सहमत नहीं हुए. उन्होंने कहा, ‘‘उडुपी के जिस स्कूल में यह घटना हुई, वहां 92 मुस्लिम बच्चों में से केवल छह लड़कियां हिजाब पहनकर आयी . अन्य बच्चे स्कूल की वर्दी पहनकर आए थे.''
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद के बीच भगवा स्कार्फ में कॉलेज पहुंचे छात्र
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुस्लिम छात्राओं को पढ़ाई जारी रखने नहीं देना चाहती. इस पर नागेश ने कहा कि कर्नाटक शिक्षा कानून भाजपा लेकर नहीं आयी बल्कि कांग्रेस लेकर आयी, जिसने राज्य में अधिकतम वर्षों तक शासन किया.
मंत्री ने कांग्रेस से राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए समाज में विभाजन पैदा न करने का अनुरोध किया. इस बीच, यहां एक बयान में मुस्लिम केंद्रीय समिति के अध्यक्ष और पूर्व पार्षद हाजी के एस मसूद ने दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों के विधायकों की इस विवाद से राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश के लिए आलोचना की.
उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य को यह साबित करना चाहिए कि किसके आदेश पर उन्होंने छात्राओं से हिजाब न पहनने को कहा. समिति ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई, राज्य के मंत्रियों और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर छात्राओं के लिए हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. उसने कहा कि छात्रों से जुड़े मुद्दे को साम्प्रदायिक नहीं बनाना चाहिए.
कर्नाटक : कॉलेजों में पहले भी मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर जाती थीं, अब क्यों होने लगा विरोध?
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं