- कर्नाटक कांग्रेस में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच लीडरशिप को लेकर गतिरोध जारी है.
- डीके शिवकुमार के समर्थक कई विधायक दिल्ली में कैंप कर रहे हैं और लीडरशिप में बदलाव की लॉबिंग कर रहे हैं.
- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वीकार किया कि पार्टी में कंफ्यूजन है और इसका समाधान केवल आलाकमान कर सकता है.
Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक में लीडरशिप को लेकर चल रहा गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच बंटी कांग्रेस में अंदर ही अंदर खलबली मची है. डीके खेमे के कई विधायक दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. दूसरी ओर सिद्दारमैया ने बीते दिनों दावा किया कि वो पूरे 5 साल तक सीएम रहेंगे. अब हालांकि सिद्धारमैया ने एक स्वीकार किया कि कांग्रेस में कंफ्यूजन है और सिर्फ पार्टी आलाकमान ही इस कंफ्यूजन को दूर कर सकता है.
फैसला आलाकमान को करना हैः सिद्धारमैया
विधायकों के दिल्ली जाने से जुड़े सवाल पर बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए CM सिद्धारमैया ने कहा, "उन्हें जाने दीजिए. विधायकों को दिल्ली जाने की आजादी है. देखते हैं उनकी क्या राय होती है? आखिरकार फैसला आलाकमान को ही करना है. उन्हें जो कहना है, कहने दीजिए. इस असमंजस को खत्म करने के लिए आलाकमान को ही फैसला लेना होगा."
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का यह बयान उस समय आया, जब पार्टी के कई विधायक और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के समर्थक दिल्ली में हैं. माना जा रहा है कि यह सब 2023 में हुए सत्ता साझेदारी समझौते के तहत लीडरशिप में बदलाव की लॉबिंग कर रहे हैं.
डीके खेमे के कई विधायक दिल्ली में कर रहे कैंप
सोमवार को डीके शिवकुमार खेमे के कई विधायकों के दिल्ली दौरे की तस्वीर सामने आई थी. जिसमें इकबाल हुसैन (रामनगर), एच सी बालकृष्ण (मगदी), नयना मोटाम्मा (मुदिगेरे), शिवगंगा बसवराज (चन्नागिरी), उदय गौड़ा नजर आ रहे थे. कहा जा है कि डीके शिवकुमार के समर्थन में और भी विधायक दिल्ली पहुंच रहे हैं.

खरगे के साथ डीके शिवकुमार की सरप्राइज मीटिंग
इससे पहले कर्नाटक के डिप्टी सीएम और KPCC चीफ डीके शिवकुमार की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ सरप्राइज मीटिंग हुई. दरअसल डीके शिवकुमार ने उस समय कई लोगों को चौंका दिया जब वो एयरपोर्ट के लिए जा रहे मल्लिकार्जुन खरगे की कार में सीधे बैठ गए, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई.
लीडरशिप चेंज पर डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
हालांकि बाद में डीके शिवकुमार ने नेतृत्व के मुद्दे पर सार्वजनिक बहस में पड़ने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मामला कुछ ही वरिष्ठ नेताओं तक सीमित है. उन्होंने कहा, "मैंने कुछ नहीं माँगा है. नेतृत्व का मामला हम 5-6 लोगों के बीच का है, और मैं इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करने वाला हूं."
डीके ने दिया एकजुटता का संदेश
शिवकुमार ने सिद्धारमैया के इस बयान का भी समर्थन किया कि वह अगला बजट पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि वह इससे खुश हैं और कर्नाटक में पार्टी के निर्माण में मुख्यमंत्री के योगदान की सराहना की. अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले एकजुटता का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2028 और 2029 होना चाहिए.
वहीं विधायकों के राजधानी दिल्ली जाने मामले से डिप्टी सीएम शिवकुमार ने खुद को अलग कर लिया. उन्होंने कहा, "विधायक मंत्री बनने की उम्मीद में दिल्ली गए होंगे. मैंने उन्हें न तो फ़ोन किया है और न ही उनसे बात की है. मैंने उनसे यह भी नहीं पूछा है कि वे क्यों गए हैं."

आलाकमान पर कार्रवाई का दबाव
मुख्यमंत्री द्वारा आंतरिक भ्रम की बात स्वीकार करने और राज्य पार्टी प्रमुख द्वारा केंद्रीय हस्तक्षेप को अपरिहार्य बताने के साथ, कांग्रेस आलाकमान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बढ़ रहा है. राजनीतिक गतिविधियों की तेज़ी, विधायकों का दिल्ली में डेरा डालना, शीर्ष नेताओं की बंद कमरों में बैठकें और विरोधाभासी सार्वजनिक बयानों ने इस नाटक को और बढ़ा दिया है.
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