कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर गरीब विरोधी और पूंजीपतियों की समर्थक होने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने भाजपा पर विवादास्पद शब्द का इस्तेमाल करते हुए मानवता और गरीब विरोधी बताया. कर्नाटक ने राज्य सरकार की अन्न भाग्य योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलोग्राम अतिरिक्त चावल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से चावल मांगा था. हालांकि, उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ने गरीबों की सहायता के लिए चावल की अतिरिक्त आपूर्ति से इनकार कर दिया है.
सिद्धारमैया ने कहा, जब मैं अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सीएम था, तो मैं सात किलो चावल मुफ्त दे रहा था, लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने इसे घटाकर चार किलो और पांच किलो कर दिया. विधानसभा चुनाव के दौरान, मैंने वादा किया था कि हम अतिरिक्त पांच किलो अतिरिक्त देंगे.”
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने भारतीय खाद्य निगम (एफसीएआई) के साथ चावल बेचने पर भी समझौता किया है. एफसीआई ने राज्य सरकार को स्वतंत्रता दी थी कि वह चावल उपलब्ध कराएगी. हमें एफसीएआई पर भरोसा है लेकिन केंद्र सरकार ने हमें चावल देने से मना कर दिया है. हमने मुफ़्त में चावल नहीं मांगा. हम इसके लिए भुगतान करने की तैयारी कर रहे थे. जब हमने चावल मांगा तो वे तैयार हो गए और फिर मुकर गए.
केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक को चावल की आपूर्ति करने से पीछे हटने का कारण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर गरीब लोगों को मुफ्त चावल दिया गया, तो राज्य दिवालिया हो जाएंगे. हमने उनसे कहा कि हम पांच गारंटी लागू करेंगे और हम राज्य को दिवालिया नहीं होने देंगे.” सीएम ने यह भी बताया कि राज्य में पांच चुनावी गारंटी में से चार को लागू कर दिया गया है. वे हैं 'शक्ति' जो गैर-लक्जरी सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की पेशकश कर रही है, 'गृह लक्ष्मी' परिवार की महिला मुखिया को ₹ 2,000 प्रदान कर रही है, 'गृह ज्योति' प्रत्येक घर को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा कर रही है और 'अन्ना' भाग्य' बीपीएल परिवारों को 10 किलो चावल दे रहा है.
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