अगले वर्ष से आईआईटी एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं के लिए साझा प्रवेश परीक्षा (जेईई) आयोजित करने की आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि यह आईआईटी परिषद की बैठक में सहमति से मंजूरी किया गया और सात आईआईटी में से चार से सेनेट का समर्थन प्राप्त था।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        अगले वर्ष से आईआईटी एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं के लिए साझा प्रवेश परीक्षा (जेईई) आयोजित करने की आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि यह आईआईटी परिषद की बैठक में सहमति से मंजूरी किया गया और सात आईआईटी में से चार से सेनेट का समर्थन प्राप्त था।
आईआईटी के पूर्व छात्रों एवं शिक्षक संघों की ओर से इस पहल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र का जिक्र किए जाने पर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इसे पूरी तरह से ‘तथ्यों को गलत ढंग से पेश किए’ जाने का मामला करार दिया।
सिब्बल ने कहा कि उन्होंने आईआईटी परिषद की बैठक में कहा था कि अगर इसके विरोध में एक स्वर भी है तब वह इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘परिषद में आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी शामिल हैं। एक भी स्वर इस प्रस्ताव के खिलाफ नही था। इसे सर्व सम्मति से मंजूर किया गया। इसके बाद ही मैंने इसे आगे बढ़ाया।’
मंत्री ने कहा, ‘मैंने यह भी कहा कि इस विषय पर आईआईटी सेनेट के विचार को भी शामिल किया जाएगा और इस पर तब तक आगे नहीं बढ़ा जाएगा जब तक इनकी राय पर विचार नहीं किया जाएगा। इनकी राय को ध्यान में रखा जाएगा।’
                                                                        
                                    
                                आईआईटी के पूर्व छात्रों एवं शिक्षक संघों की ओर से इस पहल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र का जिक्र किए जाने पर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इसे पूरी तरह से ‘तथ्यों को गलत ढंग से पेश किए’ जाने का मामला करार दिया।
सिब्बल ने कहा कि उन्होंने आईआईटी परिषद की बैठक में कहा था कि अगर इसके विरोध में एक स्वर भी है तब वह इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘परिषद में आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी शामिल हैं। एक भी स्वर इस प्रस्ताव के खिलाफ नही था। इसे सर्व सम्मति से मंजूर किया गया। इसके बाद ही मैंने इसे आगे बढ़ाया।’
मंत्री ने कहा, ‘मैंने यह भी कहा कि इस विषय पर आईआईटी सेनेट के विचार को भी शामिल किया जाएगा और इस पर तब तक आगे नहीं बढ़ा जाएगा जब तक इनकी राय पर विचार नहीं किया जाएगा। इनकी राय को ध्यान में रखा जाएगा।’
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