
- 2021 के किसान आंदोलन पर कंगना रनौत द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के मामले में मानहानि केस चल रहा है.
- कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट में मानहानि मुकदमा रद्द करने की याचिका दायर की है जिसका शुक्रवार को सुनवाई होगी.
- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अगस्त में कंगना को मानहानि मामले में राहत देने से साफ इनकार कर दिया था.
Kangana Ranaut Comment on Farmers Protest: 2021 में किसान आंदोलन के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत द्वारा की गई टिप्पणी अब मानहानि केस का रूप ले चुका है. चार साल पहले की इस घटना के मामले में गुरुवार को मंडी की भाजपा सासंद कंगना रनौत सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं. सर्वोच्च न्यायलय से उन्होंने मानहानि का मुकदमा रद्द करने की मांग की है. अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे शुक्रवार को सुनवाई होगी. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.
हाईकोर्ट ने राहत देने से किया है इनकार
मालूम हो कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अगस्त में बॉलीवुड अभिनेत्री और लोकसभा सदस्य कंगना रनौत को 2021 में किसान आंदोलन के दौरान एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए उनकी टिप्पणियों के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया था.
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जो यह दर्शाता हो कि ट्विटर पर एक पोस्ट, जिसे अब 'X' कहा जाता है, का समर्थन करने वाला उनका बयान सद्भावना से या जनहित के लिए दिया गया था.
कंगना के वकील ने केस खारिज करने के लिए क्या दी दलीलें
कंगना के वकीलों द्वारा उनके खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज करने के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस त्रिभुवन दहिया की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के विद्वान वकील द्वारा अगली दलील में कोई सार नहीं है. रीट्वीट सद्भावना में किया गया था, और मेन्स रीया (द्वेष) की अनुपस्थिति में वह धारा 499 आईपीसी के नौवें और दसवें अपवाद के लाभ के हकदार थे.
कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान दिए थे कई विवादित बयान
मालूम हो कि किसान आंदोलन 2021 के दौरान कंगना रनौत ने किसानों को लेकर कई विवादित बयान दिए थे. उन्होंने आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से भी की थी. साथ ही पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट किया तो उन्होंने रिहाना को मुर्ख तक कहा था.
जब मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया, तब कंगना रनौत ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत को इस तरह के आंदोलनों से कमजोर किया जा रहा है. इन बयानों के कारण कंगना को कई जगह विरोध का सामना भी करना पड़ा था.
यह भी पढ़ें - कंगना रनौत की कार पंजाब में रोकी गई, प्रदर्शनकारी बोले-किसान विरोधी बयानों के लिए माफी मांगें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं