
- बिहार चुनाव में महागठबंधन के सीएम फेस को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच सहमति अभी तक नहीं बन पाई है.
- इस बीच तेजस्वी यादव मंगलवार को जहानाबाद से बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, इसमें कई जिले कवर होंगे.
- राजद का कहना है कि ये यात्रा केवल तेजस्वी के लिए नहीं बल्कि रोजगार, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित है.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई चली आ रही है, जबकि इस बार जनसुराज ने इस संग्राम को त्रिकोणीय बना दिया है. महागठबंधन यानी इंडिया ब्लॉक में राजद की अगुवाई तय है, कांग्रेस का साथ तय है, सहयोगी दलों का समर्थन भी तय है, बस एक चीज जो तय नहीं है, वो है सीएम फेस. राजद, तेजस्वी यादव को सीएम फेस मानकर चल रही है, लेकिन केवल उसके मानने से तय नहीं होगा. कांग्रेस खुल कर समर्थन दे नहीं रही और सहयोगी दल सीट बंटवारे में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की आस में हैं. ऐसे में एनडीए को 'जुबानी हमले' का मौका मिल गया है. आज जहानाबाद से शुरू हो रही तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' पर एनडीए ने चुटकी ली है. गठबंधन के एक सूत्र ने कहा है कि तेजस्वी को सीएम फेस साबित करने के लिए राजद 'बिहार अधिकार यात्रा' कर रही है. हालांकि राजद ने स्पष्ट किया है कि ये यात्रा 'तेजस्वी' के बारे में नहीं है, बल्कि रोजगार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे और नए दृष्टिकोण के बारे में है.
एनडीए के गढ़ को कवर करेगी यात्रा
तेजस्वी यादव मंगलवार को जहानाबाद से बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत करेंगे. राजद की ओर से जारी बयान में ये जानकारी दी गई है. तेजस्वी यात्रा के 'पहले चरण' में राज्य में एनडीए के गढ़ जैसे नालंदा (जदयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला) और बेगूसराय (भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निर्वाचन क्षेत्र) का दौरा कर सकते हैं. पहले चरण का समापन 20 सितंबर को वैशाली में होगा. पांच दिनों तक जारी रहने वाले पहले चरण में पटना, खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा और समस्तीपुर जैसे अन्य जिले शामिल होंगे.
संयोगवश, तेजस्वी यादव का अपना निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर वैशाली जिले में आता है. साथ ही महुआ भी वैशाली जिले में आता है, जहां से पहले उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव विधायक थे. तेज प्रताप ने राजद से निष्कासित किए जाने के बाद फिर से इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कही है.
तेजस्वी का वीडियो संदेश
पूर्व उप-मुख्यमंत्री यादव ने एक्स पोस्ट में वीडियो संदेश साझा किया. उन्होंने कहा, 'वोटर अधिकार यात्रा के बाद, जिसे आप सभी ने अपना समर्थन दिया था, कृपया बिहार अधिकार यात्रा में हमारे साथ जुड़ें. यह तेजस्वी के बारे में नहीं है. यह एक नये दृष्टिकोण के बारे में है, जो बेरोजगारों के लिए रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.'
राहुल की वोटर अधिकार यात्रा का असर!
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा खत्म हुई है. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई ये यात्रा 1 सितंबर को पटना में समाप्त हुई थी. इसमें राहुल के साथ तेजस्वी भी शामिल हुए थे. वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर ये यात्रा करीब 1300 किलोमीटर की थी और 20 जिलों को कवर किया गया था. इसने महागठबंधन, खासकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खूब उत्साहित किया था. अब तेजस्वी भी अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहेंगे, जो कि आगामी चुनावों को देखते हुए बेहद अहम है.
क्या राहुल गांधी से खफा हैं तेजस्वी?
राजग सूत्रों ने दावा किया कि हाल ही में संपन्न वोटर अधिकार यात्रा के दौरान यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की स्पष्ट अनिच्छा पर अपनी नाराजगी दर्ज कराने के लिए राजद ने 'बिहार अधिकार यात्रा' की योजना बनाई है. राज्य के 25 जिलों की एक पखवाड़े लंबी यात्रा में गांधी के साथ शामिल हुए यादव ने लोगों से कांग्रेस नेता को 'अगला प्रधानमंत्री' बनाने का आग्रह किया था.
हालांकि, यादव के करीबी सहयोगी और राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने कहा, 'वोटर अधिकार यात्रा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान गलत तरीके से लोगों के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर थी. बिहार अधिकार यात्रा हमारे युवा नेता के लिए जनता से सीधा संपर्क करने का एक और अवसर होगा, जो उनकी खासियत रही है.'
पहले भी राजनीतिक यात्राएं कर चुके हैं तेजस्वी
ये पहली बार नहीं है जब तेजस्वी किसी यात्रा पर निकल रहे हैं. 'वोटर अधिकार यात्रा' में तो वे शामिल थे ही, उससे पहले भी ऐसी यात्राएं निकाल चुके हैं. तेजस्वी ने समय-समय पर चुनावी दौरों, बेरोजगारी, शिक्षा, महिला सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर कई क्षेत्रीय दौरे भी किए हैं, जिला संवाद यात्रा, युवाओं के बीच अभियान, छात्रों के बीच विशेष संवाद इनमें शामिल हैं.
फरवरी 2024 में तेजस्वी ने 10 दिन की जन-विश्वास यात्रा निकाली थी, जिसमें बिहार के 38 जिलों में 30 बड़ी सभाएं की गईं. इसका मकसद, महागठबंधन सरकार की उपलब्धियां बताना और विपक्ष को घेरना था.
तेजस्वी ने जुलाई 2018 में 'एनडीए भगाओ, बेटी बचाओ' थीम पर बिहार में साइकिल यात्रा निकाली थी. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में महिला सुरक्षा, बढ़ते अपराध और केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करना था. हालांकि ये यात्रा आधी ही रह पाई थी.
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