मध्य प्रदेश में चढ़ रहा सियासी पारा, चुनावी संग्राम से पहले कमलनाथ- शिवराज में जुबानी दंगल

कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. चुनावों को देखते हुए बयानों की धार तेज होना तो स्वाभाविक है, लेकिन भाषा का स्तर लगातार गिर रहा है.

मध्य प्रदेश में चढ़ रहा सियासी पारा, चुनावी संग्राम से पहले कमलनाथ- शिवराज में जुबानी दंगल

मध्य प्रदेश में कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान के बीच जुबानी जंग तेज (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है, माहौल ऐसा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले एक-दूसरे से सवाल पूछते रहे, लेकिन अब दोनों के बीच शब्दों की मर्यादा तार-तार होती नजर आ रही है.

पिछले हफ्ते छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ रोजेदारों के साथ बैठे, इफ्तार किया,
लेकिन इस मौके पर बिना नाम लिए बीजेपी पर तीखा हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि वो देश को बर्बाद कर देंगे. कमलनाथ ने कहा कि आप छिंदवाड़ा संभालो मुझे प्रदेश देखने को क्योंकि देश में दंगे हो रहे हैं, ये देश को बर्बाद कर डालेंगे. हाल ही में कमलनाथ ने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था," शिवराज जी कुछ दिन पहले आप मेरा अंत करना चाहते थे और आज आपने मुझे पागल कहा...."

इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से ये वीडियो ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि मध्य प्रदेश अमृत कुंभ है, लेकिन कांग्रेस विषकुंभ बन गई है.

वहीं इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर दंगे भड़काने की साजिश का आरोप लगाया.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जब वे 2018 से पहले मुख्यमंत्री नहीं थे तो चुनाव के पहले तब भी यही कह रहे थे कि मुसलमानों के पोलिंग बूथ पर 90 पर्सेंट वोट क्यों नहीं डलते? वो डलवाओ नहीं तो नुकसान हो जाएगा. उस समय का वीडियो दुनिया ने देखा. वो केवल क्या वोट बैंक मानकर काम करते हैं? क्या वोट के लिए भी लोगों को भड़काया जाएगा? धर्म और जातियों में. अभी परसों की घटना है वे एक समुदाय से कह रहे थे कि देश में, प्रदेश में दंगे भड़क रहे हैं. मध्य प्रदेश में कहां दंगे भड़क रहे हैं? मध्यप्रदेश में कहां अशांति है? लेकिन वोटों की भूख में आप इतने पागल हो गए कि मध्य प्रदेश को आप अशांति और वैमनस्यता की खाई में झोंकना चाहते हैं.

जवाब में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के बयान को "सड़क छाप गुंडे जैसा" बताया. कमलनाथ ने इस पर कहा कि शिवराज जी मेरे लिए अभद्र शब्दों का उपयोग कर रहे हैं. शिवराज जी की भाषा उनके मन की स्थिति को दिखाती है. इस पर मैं तो केवल इतना कहना चाहता हूं कि हाँ, शिवराज जी मैं जुनूनी हूं, मध्य प्रदेश को मॉडल राज्य बनाने के लिए.

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इसके बाद तो इस जुबानी जंग को दोनों दलों के कार्यकर्ता सड़क पर ले आए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ. सवाल यह नहीं है कि पहल किसने की, बल्कि सवाल यह है कि क्या सियासत का स्तर ऐसा हो गया है, जहां दोनों दलों के शीर्ष नेता तक एक-दूसरे की गरिमा का ख्याल नहीं रख रहे हैं. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए परस्पर सद्भाव और शाब्दिक हमले की मर्यादा की रोज लांघी जा रही है. जाहिर है ये ठीक नहीं है.