भीमा कोरेगांव हिंसा (2018 Bhima Koregaon violence) के आरोपी गौतम नवलखा को तलोजा जेल से स्थानांतरित करने और घर में नजरबंद रखने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस रविंद्र भट ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. जिसके बाद अब इस याचिका पर दूसरी बेंच सुनवाई करेगी. नवलखा ने याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.
नवलखा, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता (Social Activist) और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (People's Union for Democratic Rights) के पूर्व सचिव हैं. उन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन शुरुआत में उन्हें नजरबंद कर दिया गया था. इसके बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के तलोजा केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.
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डिफ़ॉल्ट जमानत मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर भरोसा करते हुए, नवलखा ने हाईकोर्ट (High Court) का रुख करते हुए कहा कि उन्हें तलोजा में बुनियादी चिकित्सा सहायता (Medical Help) और अन्य आवश्यकताओं से वंचित (Deprived) किया जा रहा था और अपनी बढ़ती उम्र में बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.
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