'Bhima koregaon violence case'
- 15 न्यूज़ रिजल्ट्स- India | Reported by: सुनील कुमार सिंह |गुरुवार मई 5, 2022 01:09 PM IST1 जनवरी 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी, जिसमे एक शख्स की मौत हुई थी. उस हिंसा की आंच पूरे महाराष्ट्र में फैल गई थी. इस मामले में बाद में जांच आयोग बैठाया गया था.
- India | Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |गुरुवार दिसम्बर 9, 2021 02:18 PM ISTविशेष अदालत ने यह भी शर्त लगाई है कि भारद्वाज मामले पर मीडिया से बातचीत नहीं कर सकती हैं. उनकी ओर से पेश हुए अधिवक्ता युग मोहित चौधरी ने इस शर्त का विरोध करते हुए कहा था कि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
- India | Reported by: सुनील कुमार सिंह |सोमवार अगस्त 23, 2021 10:22 AM ISTElgar Parishad Case : एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 15 लोगों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित 16 अपराधों के तहत आरोपित किये गए हैं, इसमें अधिकतम मौत की सजा है. मामले में कुल 16 आरोपी गिरफ्तार हैं और 5 को फरार बताया गया है. ड्राफ्ट चार्ज पर सुनवाई होनी अभी बाकी है.
- India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: नितेश श्रीवास्तव |बुधवार मई 12, 2021 11:54 AM ISTBhima Koregaon Violence: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में मंगलवार को एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. जिसके बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा. हाईकोर्ट ने कहा था कि 2018 में घर में नजरबंदी के दौरान बिताए गए 34 दिन डिफॉल्ट जमानत के लिए नहीं गिने जा सकते हैं. बताते चलें कि 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा और NIA की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
- India | Reported by: सुनील कुमार सिंह |गुरुवार फ़रवरी 11, 2021 06:51 PM ISTवकील मिहिर देसाई के मुताबिक पुणे कोर्ट के आदेश पर मिले हार्ड डिस्क के क्लोन को अमेरिका के अर्सनाल डिजिटल फोरेंसिक लैब भेजा गया था. वकील ने कहा है कि रोना विल्सन के कंप्यूटर में 22 महीने तक छेड़छाड़ की गई थी.अर्सनाल की रिपोर्ट कल आयी है और उसमें लिखा है कि सभी 10 के 10 पत्र मालवेयर के जरिये प्लांट किये गए थे.
- India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अप्रैल 8, 2020 09:30 PM ISTभीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की सरेंडर करने के लिए और समय देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. दोनों ने याचिका दाखिल करके कोरोना वायरस के चलते सरेंडर के लिए और वक्त मांगा था. दोनों की ओर से कहा गया कि दोनों एक्टिविस्ट 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, दिल की बीमारी है. कोरोना वायरस के इस समय के दौरान जेल जाना "वस्तुतः मौत की सजा" है.
- India | Reported by: Sohit Rakesh Mishra, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार फ़रवरी 17, 2020 09:42 PM ISTमहाराष्ट्र में भीमा-कोरेगांव मामले की एनआईए से जांच को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हरी झंडी देने से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से मामले की एसआईटी जांच कराने का फैसला ले लिया है. यानी कि केंद्र की ओर से भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी और राज्य सरकार एसआईटी जांच कराएगी. शरद पवार की मौजूदगी में सोमवार को हुई एनसीपी के नेताओं की बैठक में एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया गया.
- India | Edited by: परिणय कुमार |शनिवार जनवरी 25, 2020 12:01 AM ISTभीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) को आज अचानक केंद्र सरकार ने एनआईए (NIA) को सौंप दिया. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon Violence) की समीक्षा का फैसला लिया था. केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की.
- India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार जनवरी 14, 2019 12:27 PM ISTकोर्ट ने आनंद (Anand Teltumbde) की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह चार हफ्ते में जमानत याचिका दाखिल करें. बता दें कि आनंद (Anand Teltumbde) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि तेलतुंबडे के खिलाफ अभियोग चलाने लायक सामग्री है.
- Maharashtra | Translated by: प्रभात उपाध्याय |सोमवार अक्टूबर 1, 2018 01:56 PM ISTमहाराष्ट्र सरकार ने राइट विंग लीडर और कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मुख्य संदिग्ध संभाजी भिड़े के खिलाफ कम से कम दंगे के 6 मामलों को वापस ले लिया है. यह खुलासा एक RTI में हुआ है. भिड़े की अगुवाई वाले शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को दंगे के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. जबकि दर्जनों मामलों में दंगे की धाराओं को हटा दिया गया है. इन मामलों में बीजेपी और शिवसेना के नेता व समर्थक शामिल रहे हैं.