जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Justice Pinaki Chandra Ghose) देश के पहले लोकपाल (Lokpal) बन गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Pinaki Chandra Ghose) को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया. लोकपाल (Lokpal News) की सूची में 9 ज्यूडिशियल मेंबर भी हैं. साथ ही जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Justice PC Ghose) को चेयरपर्सन भी बनाया गया है. राष्ट्रपति ने जस्टिस दिलीप बी भोंसले, जस्टिस पीके मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य के तौर पर नियुक्ती को मंजूरी दी. दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ. आईपी गौतम बतौर सदस्य नियुक्त किए गए हैं.
लोकपाल और लोकायुक्त कानून के तहत कुछ श्रेणियों के सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है. यह कानून 2013 में पारित किया गया था. ये नियुक्तियां सात मार्च को उच्चतम न्यायालय के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से 10 दिन के भीतर लोकपाल चयन समिति की बैठक की संभावित तारीख के बारे में सूचित करने को कहने के एक पखवाड़े बाद हुई है. न्यायालय के इस आदेश के बाद 15 मार्च को चयन समिति की बैठक हुई थी. नियमों के अनुसार लोकपाल समिति में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्य हो सकते हैं. इनमें से चार न्यायिक सदस्य होने चाहिये. इनमें से कम से कम 50 फीसदी सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाएं होनी चाहिये. चयन के पश्चात अध्यक्ष और सदस्य पांच साल या 70 साल की आयु तक पद पर रहेंगे.
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जस्टिस पीसी घोष का पूरा नाम पिनाकी चंद्र घोष है. वह मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. इससे पहले वह कोलकाता और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद वह जून 2017 से मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं. बता दें कि जस्टिस पीसी घोष ने ही शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था.
Video: देश के पहले लोकपाल बनेंगे जस्टिस पीसी घोष
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