अफगानिस्तान पर तालिबान पर कब्जे के बाद वहां अफरातफरी का माहौल है. रिपोर्टिंग के लिए अफगानिस्तान गए पत्रकार शुभोजीत रॉय हाल ही में इस अशांत मुल्क से लौटे हैं. एनडीटीवी के साथ आपबीती सुनाते हुए शुभोजीत ने कहा, 'मैं वहां शुक्रवार शाम पहुंचा था, तब तक तालिबान की पकड़ मुल्क पर बढ़ती जा रही थी. शरणार्थी भागकर काबुल आ रहे थे जहां तालिबान का कंट्रोल हो रहा था. पार्कों में शरणार्थी भरे हुए थे. अगले दिन पासपोर्ट ऑफिस पर लंबी कतार लगी थी. लोग किसी भी तरह से पासपोर्ट बनवाकर बाहर निकलना चाह रहे थे.
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भय के इस माहौल में एयरपोर्ट पहुंचने के अनुभव के बारे में शुभोजीत ने बताया, 'रिपोर्टर के तौर पर मैं 20-22 साल से जर्नलिज्म कर रहा हूं. आप आखिरी तक खबर में बने रहें, यह जरूरी होता है लेकिन अफगानिस्तान में हालात लगातार बिगड़ रहे थे. ऐसे में यह डिसीजन लिया कि फिलहाल वापस चलते हैं मामला सुलझेगा तो वापस लौटेंगे. भारतीय दूतावास के लोगों को निकाला जा रहा था, उनके साथ मैं भी आ गया. मैं अपने साधन से 16 अगस्त को सुबह. 5 बजे के करीब एयरपोर्ट पहुचा. वहां अफरातफरी का माहौल था. लोगों की भीड़ थी. बड़ी संख्या में लोग बीबी-बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को लेकर पहुंचे थे. कई लोग तो ऐसे थे जिनके बाद पासपोर्ट-वीजा तक नहीं था लेकिन तालिबान के खौफ के कारण वे किसी भी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाहते थे. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर पहुंचने के दौरान लगभग हर चेकप्वाइंट पर तालिबानी थे. वे कोशिश कर रहे थे लोगों को एयरपोर्ट पर न जाने दिया जाए क्योंकि वहां लगातार भीड़ बढ़ती जा रही थी. हालांकि बाद में लोगों को जाने दिया गया.
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