विज्ञापन
This Article is From Dec 16, 2023

JNU छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय की संशोधित नियमावली वापस लेने की मांग की

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की संशोधित नियमावली में शैक्षणिक भवनों के 100 मीटर के भीतर परिसर में विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ अन्य प्रतिबंध भी शामिल हैं.

JNU छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय की संशोधित नियमावली वापस लेने की मांग की
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कई छात्र संगठनों ने पार्टी लाइन से हटकर विश्वविद्यालय की संशोधित नियमावली के खिलाफ शुक्रवार को अपना विरोध दर्ज कराया. इस नियमावली में शैक्षणिक भवनों के 100 मीटर के भीतर परिसर में विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ अन्य प्रतिबंध भी शामिल हैं. छात्र संगठनों ने इस नियमावली को वापस लेने की मांग की.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जेएनयू इकाई ने नियमावली को ‘‘तानाशाहीपूर्ण'' और ‘‘छात्र विरोधी'' बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला जलाया.

एबीवीपी की जेएनयू इकाई के सचिव विकास पटेल ने कहा, ‘‘जेएनयू एक खुला और उदार विश्वविद्यालय है, जहां छात्रों को स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन, प्रशासन इस अधिकार को छीनने का प्रयास कर रहा है.''

इससे पहले जेएनयू के कई छात्र संगठनों ने कुलपति शांतिश्री पंडित को विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामलों में छात्रों के खिलाफ जारी सभी तरह की जांच रोकने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि इस मुद्दे को हल करने के उनके आश्वासन के बावजूद छात्रों को नोटिस दिए गए हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने कुलपति को लिखे पत्र में मांग की है कि मुख्य प्रॉक्टर कार्यालय (सीपीओ) द्वारा छात्रों के खिलाफ सभी अनुशासनात्मक कार्रवाई को रद्द किया जाना चाहिए और नयी विश्वविद्यालय नियमावली को वापस लिया जाना चाहिए.

पत्र में कहा गया है, ‘‘हम विभिन्न निर्वाचित प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ जेएनयू प्रशासन की तरफ से शुरू की गई प्रतिशोधात्मक कार्रवाइयों का कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए आपको पत्र लिख रहे हैं.''

छात्रों के आरोपों का जवाब देते हुए, कुलपति ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार नियम उल्लंघन में शामिल छात्रों से पूछताछ जारी है.

उन्होंने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उन छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जो नियमों के उल्लंघन में शामिल पाए गए थे. नियमों का पालन न करके हम अदालत की अवमानना नहीं कर सकते. मैंने 2019 में फीस वृद्धि पर विरोध करने पर कई छात्रों पर लगाया गया जुर्माना माफ कर दिया है.''

कुलपति ने कहा, ‘‘लेकिन यदि वे नियम तोड़ना जारी रखेंगे तो नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com