विज्ञापन
This Article is From Jan 07, 2020

जब JNU छात्रों के विरोध के कारण इंदिरा गांधी को देना पड़ा था चांसलर पद से इस्तीफा

JNU ने आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी का जमकर विरोध किया था. उस दौरान जेएनयू में पढ़ रहे सीताराम येचुरी की गिरफ्तारी भी हुई थी.

जब JNU छात्रों के विरोध के कारण इंदिरा गांधी को देना पड़ा था चांसलर पद से इस्तीफा
JNU की स्थापना साल 1969 में हुई थी.
नई दिल्‍ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. लेफ्ट और एबीवीपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौरा जारी है. जेएनयू में हुई हिंसा (JNU Violence) को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है. हालांकि JNU में हुआ ये विवाद पहला नहीं है, विश्वविद्यालय का पहले भी कई विवादों से नाता रहा है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना साल 1969 में हुई थी. भारतीय संसद द्वारा 22 दिसंबर 1966 में इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था. जेएनयू को अधिनियम 1966 (1966 का 53) के तहत बनाया गया. कांग्रेस के शासनकाल में स्थापित की गई इस यूनिवर्सिटी ने कभी कांग्रेसी विचारधारा का समर्थन नहीं किया. यहां पढ़ने वाले अधिकतर छात्र लेफ्ट विचारधारा को सपोर्ट करते हैं. जेएनयू में हर मुद्दे पर खुलकर बहस होती आई है और सरकार को समय समय पर छात्रों के विरोध का सामना भी करना पड़ा है. 

इंदिरा गांधी को देना पड़ा था चांसलर पद से इस्तीफा
इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान जब आपातकाल घोषित हुआ तो जेएनयू ने इसका जमकर विरोध किया. उस दौरान सीताराम येचुरी के नेतृत्व में प्रदर्शन हुए. इमरजेंसी के दौरान सीताराम येचुरी की गिरफ्तारी भी हुई थी. आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी चुनाव हार गई लेकिन वह जेएनयू के चांसलर पद पर बनी रही. सीताराम येचुरी के नेतृत्व में जेएनयू से छात्रों का एक दल इंदिरा गांधी से मुलाकात करने के लिए उनके आवास गया और उनके सामने एक पर्चा पढ़ा जिसमें लिखा था कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए आपातकाल के दौरान क्या क्या गलत हुआ. छात्रों ने मांग की कि वह चांसलर के पद से तुरंत इस्तीफा दें और इसी के चलते इंदिरा गांधी को इस्तीफा देना पड़ा था.

46 दिनों तक बंद रहा था जेएनयू
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू की स्थापना के 12 साल बाद 16 नवंबर 1980 से 3 जनवरी 1981 के बीच 46 दिनों के लिए जेएनयू को बंद कर दिया गया था. दरहसल, जेम्स जी राजन नाम के एक छात्र ने कार्यवाहक कुलपति का अपमान किया था. इंदिरा गांधी में जेएनयू में गुंडागर्दी रोकने के लिए पुलिस को छात्रावासों पर छापा मारने का आदेश दिया. इस दौरान राजन जी जेम्स की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद विश्वविद्यालय को 46 दिनों के लिए बंद रखा गया था.

साल 2000 में हुआ था ये विवाद
जेएनयू में साल 2000 में शायरा फहमीदा रियाज और शायर अहमद फ़राज़ को एक कल्‍चरल इवेंट के लिए इन्‍वाइट किया गया था. इस दौरान वहां मौजूद दो आर्मी अफसरों ने इसका विरोध किया था. आर्मी अफसर पाकिस्तान के शायरों द्वारा युद्ध के खिलाफ गाई जा रही नज्म के खिलाफ थे. आर्मी अफसरों ने मुशायरे को बंद कराने की कोशिश की जिसके कारण कुछ स्टूडेंट्स ने उनकी पिटाई की थी. 

2016 में अफजल गुरु की फांसी पर हुआ था विवाद
साल 2016 में अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कथित रूप से इसमें भारत के खिलाफ नारे लगाए गए जिसका एबीवीपी ने विरोध किया. मामले में जेएनयू के प्रेजिडेंट कन्‍हैया कुमार को अरेस्‍ट भी किया गया था. हालांकि करीब साढ़े तीन साल होने के बाद भी इस मामले में अभी तक चार्जशीट फाइल नहीं हो पाई है. दरअसल, दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार की गई चार्जशीट पर दिल्ली सरकार विचार कर रही है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com