विज्ञापन

झारखंड: लाखों का पैकेज छोड़ शहर से लौटे गांव, दो दर्जन बेरोजगारों को दिया रोजगार, कमाई सुन चौंक जाएंगे!

शुभम आधुनिक कृषि के लिए लगातार कुछ न कुछ नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. वर्तमान समय में वे दो एकड़ भू-खंड में स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं. इसके साथ गाय-बकरी, भैंस, बकरी, बत्तख एवं मुर्गियों का भी पालन कर रहे हैं. इन सबके बीच पौधे लगाना और आसपास के जंगलों को बचाना उनका उद्देश्य बन गया है.

झारखंड: लाखों का पैकेज छोड़ शहर से लौटे गांव, दो दर्जन बेरोजगारों को दिया रोजगार, कमाई सुन चौंक जाएंगे!
लाखों का पैकेज छोड़ शहर से लौटे गांव, हरियाली से पेश की समृद्धि की मिशाल..! (प्रतीकात्‍मक फोटो)
चतरा:

झारखंड के चतरा में रहने वाले कुमार शुभम ने नामी संस्थानों से बीटेक और फिर एमबीए किया. फिर मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपये के पैकेज पर वर्षों तक काम करते रहे, लेकिन शहर की चकाचौंध में मन नहीं लगता था, इसलिए वर्ष 2011 में वह जिले के सिमरिया प्रखंड अंतर्गत अपने गांव सोहरकला लौट आए. शुभम ने स्वयं को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित कर काम शुरू किया. इसी के साथ आमदनी के लिए कृषि एवं पशुपालन करने लगे. शुभम ने कृषि को आधुनिक बनाने के लिए कई प्रयोग किए. पशुपालन के लिए भी उन्होंने ऐसा ही किया. इस दौरान गांव के आसपास जंगलों को बचाने के लिए पौधारोपण की शुरुआत भी की. शुभम ने अब तक 20 हजार पौधे लगाए हैं जो अब पेड़ बन कर पूरे क्षेत्र को आच्छादित कर रहे हैं. वहीं, अब वह कुशल कृषक व पशुपालक बन कर गांव के दो दर्जन युवाओं को गांव मर ही रोजगार भी दे रहे हैं. कुमार शुभम का मंत्र है कि पौधे लगाओ, हरियाली लाओ और समृद्ध हो जाओ. वे इस माध्यम से प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख रुपये तक कि कमाई भी करते हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

MBA के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी भी की...

चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के सोहरकला निवासी कुमार शुभम के पिता विनय कुमार सिंह सरकारी नौकरी में थे. हजारीबाग से 12वीं पास होने के बाद शुभम उच्च शिक्षा के लिए देश की राजधानी दिल्ली फिर पुणे गए. वर्ष 2003 में बीटेक और 2007 में एमबीए करने के बाद विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी की, इस दौरान उन्होंने अपनी कंपनी भी बनाकर पुणे में अच्छी कमाई की. लेकिन गांव की मिट्टी उन्हें अपनी ओर खींच ले आई. शुभम नें बताया कि पर्यावरण की रक्षा और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए उन्होंने पौधे लगाकर उन्हें वृक्ष में तब्दील करने की योजना बनाई. इसके लिए वर्ष 2012 में गांव में ही साढ़े सात एकड़ बंजर भूमि पर पौधे लगाना प्रारंभ किया. 2015 में उस जमीन पर लाल व सफेद चंदन के 200, सागवान के बेशकीमती 1100, शीशम के 1100, गम्हार के 1100, महुगनी के 1100, आम के 600, नींबू के 1000, नासपाती के 100 एवं अन्य पौधे लगाए. अब ये पौधे पेड़ के रूप में तब्दील होकर हरियाली बिखेर रहे और फल भी दे रहे हैं. इतना गांव के लोग आसपास के जंगलों की रखवाली भी करते हैं. ग्रामीणों को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

20 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं... 

शुभम आधुनिक कृषि के लिए लगातार कुछ न कुछ नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. वर्तमान समय में वे दो एकड़ भू-खंड में स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं. इसके साथ गाय-बकरी, भैंस, बकरी, बत्तख एवं मुर्गियों का भी पालन कर रहे हैं. इन सबके बीच पौधे लगाना और आसपास के जंगलों को बचाना उनका उद्देश्य बन गया है. पिछले नौ-दस साल में वे 20 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं. वह साढ़े सात एकड़ जमीन पर बागवानी करते हैं. जिसमें लाल और सफेद चंदन से लेकर विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे अब इमारती रूप ले रहे हैं. इस बगीचे में आठ हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए हैं. शुभम कहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण से भी जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है. उनका यह प्रयास रोजगार सृजन का माध्यम बन गया. पशुपालन व खेती किसानी में बीस से पचीस स्थानीय युवकों के लिए रोजगार सृजन हो गया.

Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV

पुणे से साफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़कर गांव आ गए...

कुमार शुभम कहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति दादी सावित्री देवी से प्रेरणा मिली. दादी एकीकृत बिहार में महिला एवं बाल आयोग की चेयरमैन रह चुकी हैं. गांव की मिट्टी से उन्हें बहुत लगाव था. 1990 के दशक में माओवाद चरम पर था. दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोग पलायन कर गए थे, लेकिन सावित्री देवी सोहरकला नहीं छोड़ी. राइफल लेकर स्वयं खेती कराती थी. अपनी दादी से वह इतना प्रभावित हुए कि पुणे से साफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़कर गांव आ गए और दादी के साथ मिलकर खेती कराने लगे. उसी क्रम में पर्यावरण सुरक्षा के प्रति उनका आकर्षण बढ़ा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: