
- झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले में देवघर से हुई फर्जी निकासी मामले में लालू प्रसाद समेत तीन आरोपियों की सजा बढ़ाने के लिए सीबीआई की अपील स्वीकार कर ली है.
- सीबीआई ने देवघर ट्रेजरी से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में विशेष अदालत द्वारा दी गई साढ़े तीन साल की सजा बढ़ाने का हाईकोर्ट से अनुरोध किया था.
- सीबीआई की तरफ से दाखिल अपील में छह दोषियों की सजा बढ़ाने की मांग की गई थी. हालांकि तीन की मौत होने के बाद अब केवल तीन लोगों के मामले में सुनवाई हुई.
झारखंड हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित तीन आरोपियों की सजा बढ़ाने के लिए सीबीआई की तरफ से दायर क्रिमिनल अपील स्वीकार कर ली है. सीबीआई ने चारा घोटाले में देवघर से हुई 89 लाख रुपये की फर्जी निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए लोगों की सजा बढ़वाने के लिए याचिका दायर की थी.
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की बेंच ने सीबीआई की दलील सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली है. जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने चारा घोटाले में देवघर ट्रेजरी से हुई अवैध निकासी के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत द्वारा दी गयी सजा को बढ़ाने के लिए क्रिमिनल अपील दायर की थी.
सीबीआई की तरफ से दाखिल याचिका में छह दोषियों की सजा बढ़ाने का अनुरोध किया गया था जिनमें लालू प्रसाद, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्ट, आरके राणा, फूलचंद सिंह और महेश प्रसाद का नाम था. इनमें से आरके राणा, फूलचंद सिंह और महेश प्रसाद की मौत हो चुकी है इसलिए अदालत में बाकी बचे तीन लोगों के मामले में सुनवाई हुई.
सीबीआई की तरफ से दलील में कहा गया कि जिस समय ये कथित घोटाला हुआ, लालू यादव उस समय पशुपालन विभाग के प्रभारी थे. जांच में पता चला था कि लालू यादव को देवघर कोषागार में हेराफेरी की जानकारी थी. इन तथ्यों के बावजूद निचली अदालत ने इस अपराध के लिए उन्हें केवल साढ़े तीन साल की सजा सुनाई जबकि अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है. इसके बाद हाईकोर्ट ने दोषी करार दिए गए लोगों की सजा बढ़वाने के लिए सीबीआई की तरफ से दायर याचिका स्वीकार कर ली है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं