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झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सज गई बिसात, जानिए क्या है वोटों का गणित और पूरा समीकरण

झारखंड विधानसभा चुनाव में ग्राउंड जीरो पर स्थानीय मुद्दों की अधिक बात हो रही है. बीजेपी की तरफ से भी लोकसभा चुनाव में तुलनात्मक रूप से खराब प्रदर्शन के बाद स्थानीय मुद्दों को अधिक तरजीह दी जा रही है. 

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सज गई बिसात, जानिए क्या है वोटों का गणित और पूरा समीकरण
नई दिल्ली:

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand assembly Elections) को लेकर इंडिया और एनडीए में टिकटों का बंटवारा अंतिम चरण में है. एनडीए की तरफ से सीट बंटवारे को लेकर पूरी सहमति बन गयी थी. बीजेपी 68, जदयू 2, आजसू 10 और लोजपा 1 सीट पर चुनावी मैदान में है. वहीं इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पायी है. कुछ सीटों पर जेएमएम और भाकपा माले की तरफ से दोस्ताना संघर्ष की बात कही जा रही है. आइए जानते हैं इस चुनाव में झारखंड में क्या हैं समीकरण और चुनावी मुद्दे?

क्या है समीकरण? 
इस चुनाव में दोनों ही गठबंधन की कोशिश है कि मतों का बंटवारा कम से कम हो. बीजेपी भी इस चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में 11 कम सीटों पर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. वहीं चर्चा है कि जेएमएम भी अपने खाते से एक सीट भाकपा माले के लिए छोड़ सकती है. अभी तक जेएमएम कितने सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी इसे लेकर कोई ठोस खबर सामने नहीं आयी है. कांग्रेस के साथ मिलकर 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की उसकी चर्चा थी. हालांकि अब यह चर्चा है कि कांग्रेस और जेएमएम के उम्मीदवार 72 सीटों पर चुनाव में उतरेंगे, 6 सीट राजद और 3 सीट भाकपा माले के लिए छोड़े जाएंगे.

नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर है.  अंतिम समय में भी कई बार झारखंड में गठबंधन में टूट देखने को मिलती रही है. भाकपा माले के सूत्रों का भी दावा रहा है कि पार्टी की तरफ से 8 सीटों पर तैयारी की जा रही है. 

इंडिया की तुलना में एनडीए के सहयोगियों में बेहतर तालमेल
इंडिया गठबंधन की तुलना में एनडीए के सहयोगी दलों में बेहतर तालमेल देखने को मिल रही है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के नामांकन में सहयोगी दलों के कार्यकर्ता भी हिस्सा ले रहे हैं. हाल ही में जदयू में शामिल हुए सरयू राय भी अपनी जीती हुई सीट बीजेपी के लिए छोड़ने को तैयार हो गए हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर कई जगहों पर विवाद देखने को मिल रहा है. राजधनवार की सीट जहां से बीजेपी की तरफ से बाबूलाल मरांडी प्रत्याशी है वहां इंडिया गठबंधन में टूट की संभावना है. जेएमएम की तरफ से भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया गया है. आशंका है कि कुछ और भी सीटों पर दोस्ताना संघर्ष की संभावना हो सकती है. 

झारखंड में क्या हैं मुख्य चुनावी मुद्दे?
झारखंड विधानसभा चुनाव में ग्राउंड जीरो पर स्थानीय मुद्दों की अधिक बात हो रही है. बीजेपी की तरफ से भी लोकसभा चुनाव में तुलनात्मक रूप से खराब प्रदर्शन के बाद स्थानीय मुद्दों को अधिक तरजीह दी जा रही है. 

  • बीजेपी ने संथाल परगना के क्षेत्र में डेमोग्राफी चेंज को प्रमुख मुद्दा बनाया है. आदिवासियों की तुलना में मुस्लिम आबादी के अधिक तेजी से बढ़ने का आरोप बीजेपी लगाती रही है. 
  • बीजेपी हेमंत सोरेन के कार्यकाल की नाकामी को भी मुद्दा बनाने के मूड में है.
  • केंद्र की बीजेपी सरकार की उपल्बधियों को लेकर बीजेपी अभी तक झारखंड में बहुत अधिक मुखर नहीं दिख रही है.
  • इंडिया गठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग की बात ही पूरी तरह से फाइनल नहीं हुई है. इंडिया के घटक दलों में जेएमएम की तरफ से चुनाव की तैयारी पिछले 3-4 महीने से जारी है. मंइयां योजना सहित हेमंत सोरेन के काम के दम पर पार्टी मैदान में उतरना चाहती है.
  • कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी तक कोई अलग से मुद्दा नहीं उछाला गया है. 
  • लेफ्ट पार्टियों की तरफ से स्थानीयता को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी है. 

जयराम महतो की पार्टी भी कर सकती है बड़ा खेल
इंडिया गठबंधन और एनडीए से अलग जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम भी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. उनकी पार्टी की तरफ युवाओं का विशेष झुकाव रहा है. जयराम महतो लगातार स्थानीयता के मुद्दे को लेकर चुनाव में जाने की बात करते रहे हैं. वो जेएमएम और बीजेपी पर समान रूप से हमला करते रहे हैं.  

एनडीए में शामिल दलों का 2019 का प्रदर्शन
साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था. पार्टी को 25 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी का वोट शेयर 33.37% रहा था.  वहीं झारखंड में बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी आजसू ने एनडीए से अपने आप को अलग कर के चुनाव लड़ा था. आजसू ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. पार्टी का वोट शेयर 8.1 प्रतिशत रहा था. आजसू को 2 सीटों पर जीत मिली थी.  वहीं जनता दल यूनाइटेड ने 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था पार्टी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली थी वोट शेयर 0.73% प्रतिशत रहा था. विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद झारखंड विकास मोर्चा का बीजेपी में विलय हो गया था. बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम ने 2019 में सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. 3 सीटों पर जीत मिली थी और वोट शेयर 5.45% रहा था.

राजनीतिक दलवोट प्रतिशत (2019)
बीजेपी33.37%
जदयू 0.73%
आजसू8.1%
जेवीएम5.45%

2019 के चुनाव से जानिए 'इंडिया' के दलों की ताकत
इंडिया गठबंधन में पिछले चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और राजद शामिल थे उस दौरान इसे महागठबंधन के तौर पर जाना जाता था. जेएमएम ने सबसे अधिक 43 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे पार्टी को 30 सीटों पर जीत मिली थी. वोट शेयर 18.72% प्रतिशत रहा था. कांग्रेस ने 31 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे 16 पर जीत मिली थी.कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 13.88% रहा था. राजद ने 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और राजद को महज एक सीट पर ही जीत मिली थी. राजद का वोट शेयर 2.75% प्रतिशत रहा था.

राजनीतिक दलवोट प्रतिशत (2019)
जेएमएम18.72%
कांग्रेस13.72%
राजद2.75%
भाकपा माले+ मासस1.15%+0.97%

आंकड़ों में कौन आगे कौन पीछे
2019 के चुनाव में एनडीए एकजुट नहीं था. बीजेपी, आजसू, जदयू और झारखंड विकास मोर्चा के वोट को अगर जोड़ दें तो एनडीए का वोट प्रतिशत लगभग 48 परसेंट तक पहुंच जाता है. वहीं इंडिया गठबंधन में अगर भाकपा माले और मासस के वोट बैंक को जोड़ दें तो वोट शेयर लगभग 37 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. हालांकि इंडिया और एनडीए के वोट शेयर में भारी अंतर देखने को मिलता है लेकिन अगर ये आंकड़ें सिर्फ 81 सीटों के लिए निकाले जाए तो वोट शेयर में बहुत अधिक अंतर देखने को नहीं मिलता है. एनडीए में जितने भी दल हैं उन्होंने पिछले चुनाव में थोक के भाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे जिस कारण उनका वोट शेयर अधिक है. अगर तमाम आंकड़ों को 81 सीटों पर समेटा जाए तो दोनों ही गठबंधन का वोट शेयर लगभग 40 प्रतिशत के आसपास ही है. 

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