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Exclusive: जिन्हें उजाड़ा, जो भी लूटा... पाई-पाई का लेंगे हिसाब - BJP पर बरसे झारखंड के CM हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखंड के लोगों को BJP की सरकार नहीं चाहिए. यहां झारखंड के मूलवासियों यानी आदिवासियों की सरकार है. 2019 में JMM की सरकार बनी थी. 2024 में भी JMM की ही सरकार बनेगी.

हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है.

रांची:

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections 2024) से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सोमवार को NDTV को पहला इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता को BJP की साजिशों का पता चल गया है. सोरेन ने कहा कि जिन लोगों ने झारखंड को उजाड़ा है. जिन लोगों ने झारखंड का जो भी लूटा है. उन सब का हिसाब किया जाएगा. उन्होंने कहा, "राज्य बनने के बाद झारखंड में मूलवासी आदिवासियों की सरकार है. BJP यहां अपना कोई मॉडल लागू नहीं कर पाएगी."

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो फेज में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होनी है. झारखंड में अभी महागठबंधन यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार है. इसमें कांग्रेस, RJD और लेफ्ट पार्टी भी शामिल है. जबकि BJP भी झारखंड को दोबारा से जीतने में जी-जान से जुटी है. लेकिन, हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखंड के लोगों को BJP की सरकार नहीं चाहिए. यहां झारखंड के मूलवासियों यानी आदिवासियों की सरकार है. 2019 में JMM की सरकार बनी थी. 2024 में भी JMM की ही सरकार बनेगी. 

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पिछली बार और इस बार के चुनाव में क्या फर्क है? इस सवाल के जवाब में हेमंत सोरेन कहते हैं, "बहुत फर्क है. उस समय बहुत ज्यादा चुनौती थी. इस बार हम लोगों ने गांव-गांव जाकर संपर्क किया है. हमनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हर एक व्यक्ति तक पहुंचने का काम किया है और पहुंचे भी हैं. कुछ लोग बचे हैं... अगली बार वहां भी पहुंच जाएंगे." 

गठबंधन हमारे लिए सरप्लस
2019 में हेमंत सोरेन और JMM के खिलाफ NDA के सभी सहयोगी दल नहीं थे. लेकिन, इस बार NDA एकजुट है. क्या इससे नुकसान होगा? इस सवाल के जवाब में हेमंत सोरेन कहते हैं, "गठबंधन है... लेकिन ये तो हम लोगों के लिए सरप्लस है. इससे चुनाव जीतने में फायदा ही मिलेगा. चुनाव परिणाम आने पर ये बात भी समझ आ जाएगी. झारखंड देखेगा कि हमारे विपक्ष के लोग कितने बचे रहेंगे. चुनाव में महागठबंधन की जीत होगी."

क्या महागठबंधन में कमजोर कड़ी है कांग्रेस और RJD?
हेमंत सोरेन कहते हैं, "महागठबंधन में कोई कमजोर कड़ी नहीं है. ये विपक्ष की साजिश जरूर है. हमने इनकी साजिश को पूरी तरह समझ लिया है. लिहाजा महागठबंधन में हल्का या भारी का कोई मतलब नहीं नहीं रहा. 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे आने के बाद साफ हो जाएगा कि झारखंड की जनता के मन में क्या है. मुझे नहीं लगता कि दोबारा सरकार बनाने से हमें कोई रोक सकता है."

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कई विरोधियों ने कहा है कि इस बार हेमंत सरकार को हटाना मकसद नहीं है, बल्कि नई सरकार देना मकसद है. इस बारे में पूछने पर हेमंत सोरेन कहते हैं, "झारखंड के लोगों को BJP की सरकार नहीं चाहिए. यहां आदिवासियों की सरकार है और वही चाहिए." 

पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा
सोरेन ने पूछा, "BJP कौन सा मॉडल यहां लागू करना चाहती है? क्या वो यहां की खनिज संपदा व्यापारियों को देना चाहती है? उस पार्टी ने छत्तीसगढ़ में जंगलों को उजाड़ना का जिम्मा ले रखा है. क्या वो झारखंड में भी यही करना चाहती है? झारखंड मान-सम्मान और स्वाभिमान के साथ चलने वाला राज्य है. ये वीरों का राज्य है. BJP इसे बदलना चाहती है, ताकि खनिज संपदा को लूटा जा सके. JMM की सरकार बनने दीजिए. यहां के जितने लोगों को विस्थापित किया गया है. जितने जंगल उजाड़े गए हैं. पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा."

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ST की सीटों पर JMM क्या दोहराएगी अपना प्रदर्शन?
हेमंत सोरेन ने कहा, "साजिशकर्ताओं ने मुझे जेल में डाल दिया था. वरना आज जो आंकड़े आप देख रहे हैं, वो उलट जाता. इस चुनाव में पता चलेगा कि सरकार से हटाने का? यहां के नौजवानों और आदिवासियों को ठेस पहुंचना का नतीजा क्या होता है. जाहिर तौर पर ST की सीटों पर JMM अपना प्रदर्शन दोहराएगी."

JMM के घोषणा पत्र की कॉपी है BJP का संकल्प पत्र
हेमंत सोरेन ने झारखंड में BJP के संकल्प पत्र को झूठ, लूट और ठग पत्र करार दिया है. सोरेन ने दावा किया कि BJP का संकल्प पत्र, वास्तव में JMM के घोषणा पत्र की कॉपी है. हेमंत सोरेन ने कहा, "BJP ने अपने संकल्प पत्र में UCC में आदिवासियों को बाहर रखने का जिक्र किया है. ये बहुत अजीब बात है. ये चुनाव में जीत के लिए झारखंड में आदिवासियों को UCC से बाहर रखेंगे. दूसरी जगह गुजरातियों को छोड़ेंगे. फिर कहीं किसी और को छोड़ेंगे. इससे यूनिफॉर्म सिविल कोड का क्या मतलब रह जाएगा?"

31 जनवरी जेल गए थे हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है. हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल में रखा गया था. 5 महीने बाद उन्हें 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. जेल से रिहा होने के बाद वह चंपाई सोरेन से इस्तीफा लेकर खुद मुख्यमंत्री बने थे.

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