राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
रांची:
झारखंड सरकार और राष्ट्रपति भवन के बीच समन्वय की कमी के कारण राज्य को 1.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दरअसल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दौरे के चलते तीन अस्थायी हेलीपैड का निर्माण किया गया, जबकि राष्ट्रपति ने इसका इस्तेमाल नहीं किया। मुखर्जी 9 जनवरी को झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर गए थे।
प्रणब मुखर्जी ने हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय और रांची के बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान के दीक्षांत समारोहों में भाग लिया। उन्होंने यहां खेल गांव में बंग सम्मेलन में भी भाग लिया। झारखंड सरकार के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया, "बीआईटी मेसरा और खेल गांव में हेलीपैड का निर्माण किया गया। राष्ट्रपति ने सड़क मार्ग से सभी स्थानों का दौरा किया।"
सूत्र ने कहा, "जिला प्रशासन से, राष्ट्रपति भवन से पुष्टि किए बगैर, तीन अस्थायी हेलीपैड निर्माण के लिए अनुरोध किया गया।" उन्होंने कहा कि इसका भविष्य में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार ने उन सड़कों की हालत में सुधारने और उनके सौंदर्यीकरण पर भी बड़ी राशि खर्च की, जिनसे राष्ट्रपति का काफिला गुजरने वाला था।
प्रणब मुखर्जी ने हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय और रांची के बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान के दीक्षांत समारोहों में भाग लिया। उन्होंने यहां खेल गांव में बंग सम्मेलन में भी भाग लिया। झारखंड सरकार के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया, "बीआईटी मेसरा और खेल गांव में हेलीपैड का निर्माण किया गया। राष्ट्रपति ने सड़क मार्ग से सभी स्थानों का दौरा किया।"
सूत्र ने कहा, "जिला प्रशासन से, राष्ट्रपति भवन से पुष्टि किए बगैर, तीन अस्थायी हेलीपैड निर्माण के लिए अनुरोध किया गया।" उन्होंने कहा कि इसका भविष्य में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार ने उन सड़कों की हालत में सुधारने और उनके सौंदर्यीकरण पर भी बड़ी राशि खर्च की, जिनसे राष्ट्रपति का काफिला गुजरने वाला था।
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