कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों ने बताया कि नरेश गोयल को केनरा बैंक से जुड़े कथित 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है.
ED arrests Jet Airways founder Naresh Goyal in bank fraud linked money laundering case: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) September 1, 2023
नरेश गोयल को गिरफ्तार करने से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने आज उनसे पूछताछ की. यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा इस साल मई में दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है.
मुंबई में ईडी के कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद गोयल को मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया. 74 वर्षीय गोयल को शनिवार को मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी.
केनरा बैंक में कथित 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया.
एफआईआर बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (JIL) को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और लोन मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं.
सीबीआई ने कहा था कि एकाउंट को जुलाई 2021 में "धोखाधड़ी" घोषित किया गया था. बैंक ने आरोप लगाया कि जेआईएल के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि उसने कुल कमीशन खर्चों में से "संबंधित कंपनियों" को 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस प्रकार जेआईएल से धनराशि निकाल ली गई.
एफआईआर में कहा गया है कि गोयल परिवार के व्यक्तिगत खर्च, जैसे कर्मचारियों का वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च आदि का भुगतान जेआईएल द्वारा किया गया था.
फॉरेंसिक ऑडिट के दौरान सामने आया कि जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड (जेएलएल) के माध्यम से अग्रिम और निवेश करके और बाद में प्रावधान करके उसे बट्टे खाते में डालकर धन की हेराफेरी की गई.
जेआईएल ने कथित तौर पर ऋण, अग्रिम और विस्तारित निवेश के रूप में सहायक कंपनी जेएलएल के लिए धन का दुरुपयोग किया.
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