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This Article is From Jun 16, 2023

संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद CM नीतीश ने रत्नेश सदा को बनाया मंत्री, मांझी को लेकर कही ये बात

संतोष कुमार सुमन ने 13 जून को राज्य के मंत्री पद से ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) का जेडीयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद CM नीतीश ने रत्नेश सदा को बनाया मंत्री, मांझी को लेकर कही ये बात
नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हुए रत्नेश सदा
पटना:

जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने शुक्रवार को नीतीश मंत्रिमंडल के मंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान राजभवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित बिहार सरकार के कई मंत्री भी मौजूद थे. बिहार सरकार में मंत्री रहे संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे के बाद ये पद खाली हुआ था.

जेडीयू रत्नेश सदा को अपने नए दलित चेहरे के रूप में पेश करना चाहती है. सदा दलितों में सबसे कमजोर माने जाने वाले मुसहर समुदाय के एकमात्र विधायक हैं.

संतोष कुमार सुमन ने 13 जून को राज्य के मंत्री पद से ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) का जेडीयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

शपथ ग्रहण के बाद सोनबरसा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उनके बेटे संतोष कुमार सुमन की पिता-पुत्र की जोड़ी पर नीतीश कुमार को धोखा देने का आरोप लगाया.

मंत्री सदा ने कहा कि जीतम राम मांझी 1980 के दशक से कई सरकारों में मंत्री रहे और मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया, लेकिन दलितों और विशेष रूप से मुसहरों के लिए सिर्फ बातें करने के अलावा और कुछ नहीं किया.

उन्होंने कहा, "मैं नीतीश कुमार में कबीर देखता हूं. उन्होंने मुझे, एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे को, इस स्तर तक पहुंचाया है. मेरे पास शब्द नहीं हैं, क्योंकि मैं भावनाओं से अभिभूत हूं. जीतन राम मांझी 1980 से विधायक हैं, लेकिन उनके पास दलितों के लिए महत्वपूर्ण काम के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने केवल अपने परिवार के लिए काम किया."

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वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने खुद इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था, अभी वे क्या बोलते हैं, सभी को पता है. सभी को मालूम था कि वे भाजपा के लोगों से मिल रहे थे और फिर हमारे पास भी आते थे. मैंने कहा कि हमने आपको इतना बनाया तो अपनी पार्टी का आप विलय करें तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम अलग हो जाते हैं. 

हालांकि, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से संपर्क करने के बारे में नहीं सोच रही है और सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ रहेगी.

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एनडीए में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, 'हम एक स्वतंत्र पार्टी हैं, हम अपने अस्तित्व की रक्षा के बारे में सोचेंगे. मैं अभी यह नहीं सोच रहा हूं, मैं अभी भी महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहता हूं.'

संतोष सुमन राज्य सरकार में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री थे. उनकी पार्टी सत्तारूढ़ जद(यू) और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सहयोगी है. उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी को 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टी की बड़ी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था.

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