बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावना व्यक्त करने से सहमत नजर आए. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में 23 जून को पटना में होने वाली विपक्ष दलों की बैठक के तुरंत बाद संभवत: होने वाला भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम भाजपा के 'डर' को दर्शाता है.
नीतीश कुमार ने बुधवार को एक सरकारी समारोह में समय से पहले चुनाव कराने की संभावना जताई थी, जिसमें तेजस्वी भी मौजूद थे. नीतीश कुमार के उक्त कथन के बारे में जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'यह संभव है.. सब कुछ केंद्र सरकार के हाथों में है.' उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे थे क्योंकि चुनाव की घोषणा होने के बाद ये प्रभावित हो जाते हैं. और केंद्र सरकार का चुनावों को निर्धारित करने में दखल होता है.'
तेजस्वी से नड्डा और शाह की रैलियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा तब से डर की स्थिति में है जब से नीतीश जी ने उसे छोड़ दिया और हमारे साथ हाथ मिला लिया. संभावना है कि नड्डा और शाह की रैलियांत 24 जून और 29 जून को बिहार के विभिन्न हिस्सों में होगी. तेजस्वी ने कहा कि किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, अगर 23 जून की बैठक से पहले, केंद्रीय जांच एजेंसियां विपक्षी नेताओं के खिलाफ नए सिरे से तलाशी लें. राजद नेता ने दावा किया, 'अगर विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा के पास चुनाव में कोई मौका नहीं है. मुझे उस पार्टी के अपने सूत्रों से पता चला है कि उनका आंतरिक सर्वेक्षण भी यही कहता है.'
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