कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार (JDS-Congress coalition) कभी भारतीय जनता पार्टी की वजह से संकट में दिखती है तो कभी कांग्रेस नेता सिद्धारमैय्या और देवेगौड़ा (Deve Gowda) के बीच अंदरूनी कलह की वजह से. कर्नाटक में दोनों पार्टियों के बीच मनमुटाव से मुख्यमंत्री कुमारास्वामी इतने परेशान हैं कि वह दो अपने इस्तीफे की मंशा जता चुके हैं. जेडीएस कांग्रेस गठबन्धन की सरकार के वजूद को लेकर 15 दिनों के अंदर दूसरी बार सवाल उठने लगे हैं. पिछली बार बीजेपी सरकार गिराना चाहती थी, इस बार मुख्यमंत्री कुमारास्वामी खुद पद छोड़ना चाहते हैं. वजह पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धहरमैय्या और जेडीएस सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा के बीच तक़रीबन डेढ़ दशकों से जारी अहम का टकराव है. पार्टी के बैठक में कुमारास्वामी ने एक हफ्ते के दौरान दूसरी बार पद छोड़ने की बात कही है.
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कर्नाटक की गठबंधन सरकार में दरारें बढ़ाने के संकेत के बीच जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख देवेगौड़ा ने एचडी कुमारस्वामी को निशाने पर लेने वाले कांग्रेस नेताओं के निंदा की और चेतावनी देते हुए कहा कि वह इस मामले पर अब और चुप नहीं बैठेंगे. पूर्व प्रधान मंत्री देवेगौड़ा ने मांग की कि कांग्रेस अपने विधायकों को ऐसे टिप्पणी करने से रोके, जो उनके कामकाजी संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि क्या यह गठबंधन की सरकार चलाने का कोई तरीका है? हर दिन हमें अपने गठबंधन के साथी से अनुरोध करना होगा कि वह ऐसी असंसदीय टिप्पणी न करे?''
देवेगौड़ा ने दावा किया कि वह बीते आधे साल पहले जबसे उनके बेटे के मुख्यमंत्री बने हैं, वह "दर्द" में हैं. उन्होंने कहा कि इन छह महीनों में सभी तरह की चीजें हुई हैं.मैंने अब तक अपना मुंह नहीं खोला है, लेकिन मैं अब और चुप नहीं रह सकता.' आगे देवगौड़ा का कहना है कि 'मेरी ये कोशिश है कि साझा सरकार सही ढंग से चले लेकिन कांग्रेस नेताओं को अपनी ज़ुबान क़ाबू में रखनी होगी. अगर ऐसा नही हुआ तो परेशानी होगी और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को ये समझना चाहिये' .
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि 'मेरे पिताजी ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ने में एक मिन्ट की देरी नही की आपको क्या लगता है मैं आपलोगों की उपेक्षा कर अपने पद पर बना रहूंगा.' कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में तल्खी के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने फिर से धमकी दी कि अगर कांग्रेस के नेता उनपर आक्षेप लगाते रहे तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैंने कहा था कि अगर कांग्रेस के नेता मुझे निशाना बनाते रहे तो मैं पद छोड़ दूंगा. जेडीएस के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (कांग्रेस के नेता) फिर से इस तरह के बयान देंगे तो मैं कितने दिन तक यह सब बर्दाश्त करता रहूंगा. सत्ता तो अल्पकालिक है. जो स्थायी है, वह आप (पार्टी कार्यकर्ता) हैं और इस राज्य की साढ़े छह करोड़ जनता है.'
दरअसल हाल ही में सिद्धारमैय्या ख़ेमे के एक विधायक ने कुमारास्वामी के काम करने के तौर तरीक़ों पर सवाल उठाए थे। कुमारास्वामी इससे तो नाराज़ हैं ही कुछ और भी वजहें हैं. 1996 में जब देवेगौड़ा को प्रधानमंत्री बनाया गया तब सिद्धारमैया को लगा कि देवेगौड़ा उन्हें मुख्यमंत्री बना देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. खार खाये बैठे सिद्धारमैय्या को 2004 में एक बार फिर ऐसा लगा कि देवेगौड़ा उन्हें मुख्यमंत्री बनने नही देंगे और फिर कुछ दिनों बाद जेडीएस छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए बाद में कुमारास्वामी मुख्यमंत्री बने. मामला यहां नहीं थमा विधानसभा चुनाव के दौरान देवेगौड़ा ने सिद्धारमैय्या के खिलाफ जानबूझकर जी टी देवेगौड़ा को चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़वाया और सिद्धारमैय्या हार गए.
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