जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) में 21 दिसंबर को पुंछ जिले (poonch Attack) में भारी हथियारों से लैस आतंकियों (terrorist attack) ने सेना की दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में 4 सैनिक शहीद हो गए. जिले के 'बुफ्लियाज़' और 'ढेरा की गली' इलाके में धत्यार मोड़ पर ये हमला हुआ. पाकिस्तान के लश्कर ए तैयबा के विंग PAFF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. आइए जानते हैं क्या है PAFF और ये जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में है एक्टिव:-
क्या है PAFF?
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट यानी PAFF एक उग्रवादी संगठन है. ये जम्मू-कश्मीर में सक्रिय रूप से विद्रोह में लगा हुआ है. PAFF पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक विंग है. ये भी माना जाता है कि PAFF जैश- ए-मोहम्मद का ही नया नाम है. साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने इस फ्रंट के फार्मेशन में मदद की.
मसूद अजहर से है कनेक्शन PAFF
कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर ने ही पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट यानी PAFF की भी स्थापना की थी. PAFF की कमान मुफ्ती अजगर कश्मीरी संभालता है. जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर का भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ अजहर इस आतंकी ग्रुप के सारे ऑपरेशन देखता है.
भारत ने PAFF को घोषित किया आतंकी संगठन
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के कुछ कमांडरों ने मिलाकर इसकी शुरुआत की थी. इस फ्रंट ने अब तक कई आम लोगों, सरकारी अधिकारियों और भारतीय सैनिकों को निशाना बनाया है. इसी साल जनवरी में भारत सरकार ने PAFF को आतंकी संगठन घोषित किया है.
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सोशल मीडिया पर एक्टिव
गृह मंत्रालय ने कहा था कि PAFF सुरक्षा बलों, राजनेताओं और नागरिकों को लगातार धमकियां देता रहा है.
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि PAFF अन्य आतंकी गुटों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से फिजिकली और सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर समेत भारत के अन्य बड़े शहरों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचता रहा है. यह जानकारी भी सामने आई है कि PAFF युवाओं को भड़काने, उन्हें बंदूकें और विस्फोटक चलाने और उन्हें अपने साथ शामिल करने के काम में भी काफी सक्रिय रहा है.
कई आतंकवादी घटनाओं में जुड़ा नाम
इस आतंकी संगठन का नाम जम्मू-कश्मीर में हुई ऐसी कई आतंकवादी घटनाओं में जुड़ता रहा है. जून 2021 में PAFF ने पुलवामा में बीजेपी नेता राकेश पंडिता की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी. पंडिता की हत्या तब हुई थी जब वह त्राल इलाके में एक दोस्त के घर जा रहे थे. PAFF ने जम्मू-कश्मीर ने डायरेक्टर जनरल (जेल) हेमंत के लोहिया की मौत की जिम्मेदारी भी ली थी.
PAFF का सबसे बड़ा हमला इस साल अप्रैल में पूंछ में हुई घटना को माना जाता है. इसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों ने पुंछ-जम्मू हाईवे पर उनके वाहन पर हमला कर दिया था. जिसके बाद आग लग गई थी. इसी साल 4 अगस्त को कुलगाम में हुए हमले का जिम्मेदार भी PAFF को ही माना जाता है, इसमें 3 सैनिक शहीद हो गए थे.
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